लोकतंत्र मात्र एक चुनावी प्रक्रिया है पक्ष और विपक्ष-शिल्‍पा

 

 

 

पहले तो हमें यह समझना होगा कि लोकतंत्र यानी जनता का राज होता है और बिल्कुल भारत एक लोकतंत्र देश है यहां पर हर व्यक्ति आजाद है वह जो चाहे जैसा चाहे अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जी सकता है। यहां की जनता मिलकर पूरी चुनावी प्रक्रिया पूरी करके अपना मुकम्मल राजा चुनती है पर मात्र चुनाव ही तो है जो जनता को अधिकार देता है कि वह जिसको चाहे अपने देश की बागडोर उसके हाथ में थमा सकता है जो 70 करोड़ देशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरे और इसका जीवंत उदाहरण हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जो हर तरफ से हमारे देश का प्रतिनिधित्व करने में खरा उतरे हैं। क्योंकि अगर "अंधेर नगरी चौपट राजा ''हो तो हमारा देश पर ना जाने कौन कब कब्जा करने क्योंकि यह तो जगत विद्युत है कि कैसे हमारे पड़ोसी देश हमारे देश पर हर वक्त घात लगाए बैठे रहते हैं वह तो हमारे देश की मजबूत सरकार ही है जो हम पर कोई आंख उठा कर भी नहीं देख सकता । परंतु कई बार  चुनावी प्रक्रिया भी कारगर सिद्ध नहीं होती क्योंकि कई बार जनता का एक गलत निर्णय पूरी सरकार का तख्ता पलट देता है यूं तो पब्लिक सब जानती है कौन सही है कौन गलत मगर जो दिखता है वह सत्य ही हो यह जरूरी नहीं हम कभी-कभी अपना गलत उम्मीदवार भी चुन लेते हैं और फिर उसकी सजा हम सभी को भुगतनी पड़ती है तो यह भारत में हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि हम जिसको भी चुने वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे।

 

शिल्पा अरोड़ा

विदिशा


 

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