फोन की लंबी घंटी से ही मांंजी समझ गई ,सुनिधि बिटिया का फोन है,फोन उठाया ,सुनिधि खुश होकर बोली," मां लॉक डाउन खत्म हो गया ,अब रविवार को हम लोग आएंगे, पहले की तरह पिकनिक पर चलेंगे ,शाम को फोन करके सब फिक्स कर लें ,सुदीप को बता देना। "मांजी ,"चलो मरा लॉक डाउन तो खत्म हुआ" एक ही शहर में रहकर मेरी बेटी घर नहीं आई ,वरना महीने में एक संडे फैमिली डे होता था .मांजी ने बच्चों से खुश होकर कहा ,सुनो, सुनो ,लॉक डाउन खत्म हो गया, बुआ संडे मय परिवार आ रही है ,पिकनिक मनाएंगे ,यह क्या ?सन्नाटा ,चिंकी मिंकी एक दूसरे का मुंह देखने लगी, जोर से आवाज लगाई ,पापा मम्मी दौड़कर आए ,सुनते ही तेज आवाज में सुदीप ने फैसला सुनाया, बोला ,"मां मना कर दो दीदी को ,कोई उनके साथ पिकनिक नहीं जाएगा और वह घर भी नहीं आएंगी ,आप भी न ना. खतरनाक फैसला,तेवर से बदलते रिश्ते की आहट आ रही थी, मांजी भरे गले से लौट आई ,सुनिधि के तीन मिस कॉल फोन पर थे ,क्या कहें ?फोन उठाया, सुनिधि रो रही थी ,फोन उठाते ही पति पुराण शुरू हो गया ,"मां विक्रम बदल गया है , मुझे कड़वा दोटूक फैसला सुना दिया,'संडे कोई प्रोग्राम नहीं ,'अब घर पर ही रहकर उनकी फरमाइश पूरी करना है." मांंजी परेशान हो गई ,यह क्या हो रहा है, सारे रिश्ते बदल गए ,तभी विक्रम ने फोन लगाकर बोला," मां जी घबराओ मत ,समय और हालात के कारण कुछ समझदारी भरेअपनो के लिए कठोर फैसले लेने पड़ते हैं, रिश्ते बदलते हैं मगर प्रेम और भलाई के लिए."लॉक डाउन गया है ,कोरोना नहीं, दो गज की दूरी और घर मे रहना बहुत जरूरी है,बदलते समय के बदलते रिश्ते में ही हमारा सुख है,." मांजी समझ गई और ज़ोर से बोली," अरे मेरी पागल बेटी को भी तो समझा दो ".तभी पीछे से सुनिधि की आवाज आई, मां, मैं समझ गई बदलते रिश्ते भी खूबसूरत होते हैं,अब इन लोगों के सारे फैसले सिर माथे ।घर चंदन सा महक गया सबकी हंसी से।
।ममता तिवारी ,इंदौर, मध्यप्रदेश मोबाइल नंबर 9425900110
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