गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु
गुरु देवो महेश्वरा
गुरु साक्षात परम् ब्रह्मा
तस्मै श्री गुरुवे नमः
घर ही प्रथम पाठशाला और मां ही
प्रथम गुरु को सादर प्रणाम करते हुए
उन सभी को सादर नमन करती हूँ
जिनसे मैंने हर दिन हर पल
कुछ न कुछ सीखा है-
पंछी से चहचहाना
मछली से वफ़ा निभाना
धरती से सहना
प्रकृति से मुस्कुराना
सागर से गहराई
आकाश से ऊंचाई
नदी से बहना
पर्वत से थिर रहना
चींटी से मेहनत करना
लहरों से कभी न थकना
शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं,
स्वर्ण ज्योति पांडुचेरी
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