"या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता "
शक्ति साधना का पर्व नवरात्रि 17 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 20 20 आधा शक्ति जगदंबा के रूप में आपके घर इस बार स्थापित होगा। भगवती जगदंबा के कमल का आसन मुंडमाला एवं मुद्राएं धारण कर कर मां जगदंबा आपके घर में प्रवेश करेंगी। शक्ति को लेकर आपके मन में चाहे जो भी भ्रम हो एक तथ्य सत्य है कि शक्ति ब्राह्म अनुभव करने की वस्तु नहीं है। बल्कि शक्ति आपके अंदर स्थित है । यह अलग बात है की आपको ज्ञान नहीं है और आजीवन भिक्षा पात्र लिए आप दर-दर भटकते हैं यह सोचते हैं कि कोई और आपको ऊर्जा प्रदान करें और आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें।
जगदंबा के नर मुंडो की माला को धारण करने का अर्थ यकीनन संघार है,तो कुछ लोग इन्हें पूर्व जन्मों का प्रतीक मानते हैं कहीं पर मुंड को अहंकार माना गया है तो कहीं विचार मुंडमाला की व्याख्यान विविध हो सकती हैं परंतु संघार की दिशा में इशारा करती हैं।महिषासुर की सेना का वध शक्ति द्वारा हमारे मन में दुष्ट व्रतियों का अंत है । ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि महिषासुर की सेना के सिपाही बहुत ढीठ है। वे शीघ्रता से हार नहीं मानते हैं और देवी से भयंकर युद्ध करते हैं।
हमारे अंदर भी युद्ध निरंतर चलता रहता है दुष्ट व्रतियों का और सब व्रतियों के मध्य मगर हमारी चेतना अगर शुद्ध हो तो मां जगदंबा की कृपा हम पर सदैव बनी रहती है। इस नवरात्रि में आधा शक्ति जगदंबा हमारे मन में छाई उदासी और अंधकार का अंत कर कर दे और यह उदासी और निराशा का भाव ही जीवन में अवसाद के रूप में आता है और उस पर विजय प्राप्ति के लिए हमको नवरात्रि में आधा शक्ति जगदंबा पूजन अवश्य संपन्न करना चाहिए। जगदंबा वह है जब हमको परिवर्तित कर दे जो हमने असाधारण ऊर्जा का संचार करें और हम बाधाओं से मुक्त हो जाएं इस नवरात्रि मां से यही कामना है।
शिल्पा अरोड़ा
विदिशा
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