हंसी भावों की आवाज है,
रामबाण औषधि गुणों की खान है।
वाणी का श्रृंगार है ,रक्त का संचार है,
सूल असरदार है मूक अश्रु धार है ।
सूल असरदार है मूक अश्रु धार है ।
हंसी रामबाण औषधि
गुणों की खान है।
ह्रदयो का द्वार है, वर्णन का सार है,
सब में विद्यमान है, प्राणों का नवाचार है।
सब में विद्यमान है, प्राणों का नवाचार है।
हंसी रामबाण औषधि
गुणों की खान है।
जो न रखिए संभाल तो देती पीड़ा महान है,
खुशियों का प्रचार है, प्रेम पूर्ण व्यवहार है।
खुशियों का प्रचार है, प्रेम पूर्ण व्यवहार है।
हंसी रामबाण औषधि गुणों की खान है।
दुख भरे जीवन की, सुख भरी शाम है,
छोटे बड़े सभी के मुख का श्रृंगार है।
छोटे बड़े सभी के मुख का श्रृंगार है।
साधना मिश्रा विंध्य
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
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