लता मंगेशकर-प्रीति


लता मंगेशकर

 

जन्म हुआ लता मंगेशकर जी का 28 सितंबर में,

 मानो स्वर लहरी झंकृत हुईं धरा और अंबर में,

पाँच वर्ष की आयु में मराठी संगीत नाट्य में कार्य किया,

 आज भी इन की मधुर आवाज गूंजती है घर-घर में।

 

 इनके पिता थे पंडित दीनानाथ मंगेशकर,

 संगीत की विरासत इन्हें मिली थी निज घर,

 रूमानी, देशभक्ति, भजन,गीत सुंदर गाये हैं,

 मधुर स्वर संगीत इनका हो गया है अमर।

 

 दुनिया दीवानी है इनकी अमूल्य आवाज की,

 माँ सरस्वती यही हैं संगीत और साज की,

 उन्हें भारत रत्न सम्मान से नवाजा गया है,

  सुर साम्राज्ञी यही हैं कल और आज की।

 

 पद्म विभूषण, पदम भूषण जैसे पुरस्कारों से अलंकृत,

 इनके पार्श्व गायन से हृदय के तार होते हैं झंकृत,

 "ए मेरे वतन के लोगों" गाया नेहरू जी के समक्ष,

 जीवंत किया देश भक्ति भाव जो हो गया था मृत।

 

 इनकी गायन प्रतिभा को सराहते थे सभी संगीतकार,

 रेशमी और कर्णप्रिय आवाज जैसे  वीणा के हों तार,

 इनकी प्रतिभा के समक्ष नतमस्तक है जहान,

 इनकी मधुर स्वर लहरियां है जैसे उपहार।

 

 प्रीति चौधरी "मनोरमा"

 जनपद बुलंदशहर

 उत्तर प्रदेश

 मौलिक एवं अप्रकाशित






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