आज थोड़ा थक सी गई हूं -नेहा


आज मैं थोड़ा थक सी गई हूं इसलिए सब से मिलना छोड़ दिया है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मैंने अपनों को छोड़ दिया है अक्सर रिश्तो में अजीब सी दूरियां आ जाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि मैंने  अपनों के उन रिश्तो को छोड़ दिया है हां मैं मानती हूं कि मैं आज अकेला महसूस करती हूं अपनों की इस भीड़ में भी पर ऐसा नहीं कि मैंने अपनों से अपनापन छोड़ दिया है आज भी याद तो करती हूं मैं उन सभी को उनकी परवाह भी करती हूं उनकी याद कितना आती है कितना प्यार करती हु यह सब कुछ बताना छोड़ दिया है बस थोड़ा थक सी गई हूं सब की जली कटी बातों को सुन सुनकर इसलिए ज्यादा बोलना छोड़ दिया है पर इसका मतलब यह नहीं कि मैंने रिश्ते निभाना छोड़ दिया है अब मैं  सुकून से जीना चाहती हूं रोकर नहीं हंसकर कुछ पल जीना चाहती हूं इसलिए अपनों से नहीं गैरों से रिश्ता जोड़ लिया है मुझे जो दर्द दे उनका दामन छोड़ दिया है मैंने आज उन सब को अपना कहना छोड़ दिया है। 
नेहा शर्मा विदिशा मध्यप्रदेश




 


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