धरूं शीश अपने तुम्हें
हे गणपति महाराज
मैं नन्हा सा एक भक्त हूँ
आज चलो मेरे साथ
देखो मम्मी मैं आ गया
खोलो जल्दी से द्वार
संग गणेश भी लाया हूँ
गणपति बप्पा मोरिया -बोलो बारंबार
बना दो मां एक छोटा सा मंदिर
गणपति को उसमें बिठाऊंगा
पूजा भक्ति और मोदक भोग से मना
गणपति को विनती मैं सुनाउंगा
दे दो रूप मुझे अपना सा
मैं भी छोटा गणेश बन जाऊंगा
लड्डुओं के भोग से खूब मजे उड़ाउऊंगा
पूजा होगी फिर आपके जैसी
मैडम की आनलाइन चिक चिक से बच जाऊंगा।
सुधा बसोर
वैशाली(गाजियाबाद)
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