चाँद का इश्क भी क्या खूब है -रेनुका

कभी पूनम का हुआ 
तो कभी ईद का 
कभी बच्चों का  मामा 
तो कभी बेवफा प्रेमी


चाँद का इश्क भी क्या खूब है 


कभी  माशूक का आशिक 
तो कभी पत्नी का सनम 
कभी माँ का चंदा बेटा 
तो कभी करवाचौथ का चाँद 


चाँद का इश्क भी क्या खूब है 


जिसने टूट कर चाहा 
वो उसका हुआ 
दिलों जा से निहारा 
वो उसका हुआ 


ये चाँद है साहेब ये सब का हुआ 
ये चाँद है साहेब ये सब का हुआ 


     रेनुका सिंह 
     गाज़ियाबाद



 



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