विधा -बालगीत
देखो मेरी गुड़िया रानी,
इसको लाईं मेरी नानी।
सुनहरे इसके बाल हैं,
सेब जैसे सुंदर गाल हैं,
पलकें भी झपकाती है,
यह तो बड़ा कमाल है
रंग है इसका गोरा-गोरा,
फ्रॉक पहने है यह धानी।
देखो मेरी गुड़िया रानी....
कोमल-कोमल इसके हाथ,
हरपल रहती मेरे साथ,
आँखे बंद करके सो जाती,
जब हो जाती है स्वप्निल रात,
कभी नहीं यह खाना खाती,
नहीं कभी पीती है पानी।
देखो मेरी गुड़िया रानी...
यह मेरी है प्यारी सहेली,
करती है कितनी अठखेली,
कभी मैं इससे प्रश्न पूछती,
कभी बुझती कोई पहेली,
मेरी सारी बात मानती,
मेरी गुड़िया बड़ी सयानी।
देखो मेरी गुड़िया रानी...
प्रीति चौधरी "मनोरमा"
जनपद बुलन्दशहर
उत्तरप्रदेश
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