करवा चौथ-सुधा बसोर

करवा चौथ


कर सोलह श्रृंगार 
करूं  करवा चौथ का उपवास
भक्ति भाव से पूजन करूं
हो दीर्घायु प्रियतम की मेरे
मांगू मां बस एक यही उपहार


सिंदूर मांग का है तुमसे
बिंदिया में चमक तुम्हारी है
कंगन झुमकी पायल नथ में
खनक और चहक सबमें
खिलती मुस्कान तुम्हारी है


रंग बदले बिंदिया का चाहे
भाव प्रेम का तुम न बदलना
हो जाए बैरी जग सारा चाहे
डोर प्रीत की थाम यूं ही बस
संग संग  मेरे तुम चलना


जीवन में आए यदि कष्ट कोई
तो साथ मेरे बस प्रियतम रहना
सुख दुख सब  संग मेरे सहना
हाथ थाम कर दे संबल अपना
मत घबराओ बस इतना कहना


रहना साथ सदा ही प्रियतम
जन्मों तक साथ निभाने को
प्रेम प्यार से ही बस अपने
रहे महकता जीवन खुशियों से
बहार चमन में  बस  लाने को
               सुधा बसोर
                गाजियाबाद



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