लव जेहाद के नाम पर आज कल हिंदू लड़कियों को शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है वह हर शहर हर राज्य में हो रहा है । देखा जाये तो लव जिहाद अपने आप में सही शब्द नहीं है क्योंकि जहाँ जिहाद होता है वहाँ लव के लिये कोई जगह नहीं होती और जहाँ लव होता है वहां जिहाद की कोई जरूरत ही नहीं है। इस्लामिक धारणा के अनुसार जिहाद पवित्र शब्द हो सकता है लेकिन वर्तमान में जिहाद का मतलब मासूम और निर्दोष महिलाओं, पुरूषों और बच्चों का शोषण-उत्पीडऩ तथा बर्बर हत्याएँ करना ही है। दुनिया भर में इस्लाम फैलाने के लिये दनदनाते घूम रहे आतंकवादी मासूम लोगों की हत्याएं जिहाद के नाम पर ही कर रहे हैं। अमेरिका में हुआ लोन वुल्फ पर हमला करने वाला आतंकवादी
अल्ला -हू-अकबर का नारा लगाकर मासूम बच्चों को अपने ट्रक से कुचल रहा था।
इसी जिहाद का एक हिस्सा है लव जिहाद। भारत में इसे हिंदू संगठनों का बेमतलब का हो हल्ला करार दिया जाता है जबकि सच यह है कि इससे कहीं पहले यूरोप में लड़कियों ने यह मामला उठाया है कि उन्हें गलत तरीके से फँसाकर शादियाँ की गई हैं और उसके बाद उनका जबरन धर्म-परिवर्तन किया गया है। अक्सर इसे हल्के में लिया जाता है और कहा जाता है कि ये कोरी बकवास है जबकि मेरा मानना है कि सच से आँखें चुराने से सच झूठ नहीं हो जाता है। लव-जिहाद एक ऐसा सच है जिससे इन्कार करना मूर्खता ही होगी लेकिन यह भी एक सच है कि हिंदू-मुस्लिम युवक और युवतियों के बीच होने वाले सारे प्रेम-विवाहों को लव-जिहाद का नाम नहीं दिया जा सकता। एक सच यह भी है कि कौन सा प्रेम विवाह लव-जिहाद नहीं है, इसकी पहचान करना भी मुश्किल है।
षड्यंत्र के तहत हिंदू लड़कियों को दूसरे समुदाय के युवकों द्वारा फंसाकर उनका शारीरिक शोषण किया जा रहा है। सरकार इन पर अंकुश लगाए।सरकार को कठीन कदम उठाना होगा । अभी हाई कोर्ट का एक फैसला आया है कि सिर्फ शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। सरकार लव जिहाद पर जल्द अंकुश लगाने जा रही । सरकार कह रही कि हम कानून बनाएंगे। उन लोगों को चेतावनी देना होगा जो पहचान छिपाते हैं और हमारी बहनों के सम्मान के साथ खेलते हैं। यदि आप सुधरते नहीं हैं तो आपकी राम नाम सत्य यात्रा निकलेगी।यह बात योगी जी ने भी कही है पर क्या इससे कुछ असर होगा
लव जेहाद पर अंकुश पर समाज को भी सख़्त होना पड़ेगा ,लड़कियों को भी वे जल्दी किसी बहकावे में न आये , और अंजान लड़के से चैट , फ़ेसबुक और कालेज और उसके बहार बातचीत न करें । अपने पर अंकुश लगाये , यदि कोई अधिक परेशान करता है तो घर पर ख़बर करे पुलिस की मददत रहे । हमें जागरुक होने की जरुरत है । माँ बाप को बेटियों को प्यार से समझाने की व अच्छे बुरे का फ़र्क़ बतलाने की जरुरत है ।
लव जिहाद का मुद्दा चर्चा में बना ही रहता है क्योंकि यह किसी राज्य, क्षेत्र या देश का मामला नहीं है बल्कि यह एक विश्वव्यापी मुद्दा है। जहाँ पर भी मुस्लिम समाज अल्पसंख्यक है वहाँ की बहुसंख्यक आबादी अक्सर यह आरोप लगाती रहती है कि मुस्लिम युवक हमारी बेटियों को बहकाकर विवाह कर लेते हैं, फिर उनका धर्मपरिवर्तन करके उन्हें अपने धर्म में शामिल कर लेते हैं। जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक है वहाँ लव-जिहाद के मुद्दे को उठाने की हिम्मत कोई कर ही नहीं सकता इसलिये यह मुद्दा मुस्लिम अल्पसंख्यक आबादी वाले देशों का ही है।
काफी समय पहले मेरे कई परिचितों की बेटीयो के मुस्लिम लड़कों से शादी के मामले आये मैं लड़कियों को समझाया पर छोड़ो बहुत लम्बी कहानी है ।मुझे एक हिंदू लड़की के घर से भागने का समाचार मिला और बाद में पता लगा कि उसने किसी मुस्लिम युवक से शादी कर ली है। शादी के कुछ महीनों बाद लड़की अपने पति के साथ अपने परिवार से मिलने घर आई तो पता लगा कि वह पूरी तरह से बदल चुकी थी। उसने मुस्लिम धर्म अपना लिया था तथा बुरके में लिपटी हुई अपने घर आई थी। एक आधुनिक सोच वाली लड़की का इस तरह से बुरके में छुप जाना किसी को अच्छा नहीं लगा था लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। बाद में लड़की किसी भी पारिवारिक समारोह में शामिल नहीं हुई, न ही उसे अकेला मायके में आने दिया गया। देखा जाये तो शादी के बाद न केवल धर्म बल्कि उससे उसका पूरा परिवार और समाज ही छीन लिया गया था। बड़ा अजीब लगता है यह सोचकर कि उस लड़की के पास नया परिवार तो था लेकिन पुराने सारे सम्बन्ध लगभग तोड़ दिये गये थे जबकि लड़कीवालों ने शादी को स्वीकार कर लिया था। इसे लव-जिहाद नहीं कहा जा सकता क्योंकि लड़की ने ऐसी कोई शिकायत अपने घर वालों से नहीं की थी लेकिन अब सवाल उठता है कि लड़की ही धर्म परिवर्तन क्यों करे। सारा झगड़ा इसी बात को लेकर है कि ऐसे मामलों में शादी के तुरन्त बाद लड़की का धर्म परिवर्तन करा दिया जाता है। चाहे यह धर्म परिवर्तन दबाव डालकर कराया जाता है लेकिन जब तक लड़की शिकायत नहीं करती, तब तक इसे कैसे साबित किया जा सकता है कि यह जबरन धर्म परिवर्तन का मामला है। लड़कियाँ बहुत कम मामलों में शिकायत करती है क्योंकि शादी के बाद जब वो पति का घर और नाम स्वीकार कर लेती है तो थोड़ी सी आनाकानी करने के बाद धर्म भी स्वीकार कर लेती है। लव जिहाद पर ज्यादा हल्ला तब मचाया जाता है जब लड़का अपना धर्म छुपाकर लड़की से शादी कर लेता है और बाद में अपना सच बताकर लड़की को धर्मपरिवर्तन के लिये मजबूर करता है। ऐसे कम ही मामले सामने आये हैं। ज्यादातर मामलों में लड़कियों को लड़को का धर्म पता होता है। मेरा मानना है कि हिंदू युवतियों को ऐसे प्रेम विवाहों में मुस्लिम युवकों से धर्मपरिवर्तन की शर्त रखनी चाहिये। अगर मुस्लिम युवक सच में इन लड़कियों से प्यार करते होंगे तो वो हिंदू धर्म स्वीकार कर लेंगे। अगर वो ऐसा करने से इन्कार करते हैं तो हिंदू लड़कियों को अपने प्रेम सम्बन्धों से किनारा कर लेना चाहिये।
मैने घोषणा की थी जो हिंदू लड़के लड़कियाँ मुस्लिम से शादी करेगे और मुस्लिम को हिंदू बनाकर तो अग्निशिखा मंच उन्हें सम्मानित करेगी । परन्तु हिंदू , मुस्लिम बन जाते है मुस्लिम हिंदू नही बनते है । मैं समझती हूँ इसका कारण समाज व परिवार है मुस्लिम समाज उन लड़कों का स्वागत करता है । और हिंदू समाज चिल्लाते जिससे बच्चे डरते है । और भाग कर शादी कर लेते है ।
हमें बदलने व प्यार से काम लेना चाहिये ।सबसे जरूरी बात यह है कि प्रेम में सारा त्याग महिलाओं से नहीं माँगा जाना चाहिये। यदि किसी हिंदू या मुस्लिम युवक को दूसरे धर्म की युवती से प्रेम होता है तो उसे अपना धर्म बदलकर युवती का धर्म स्वीकार करना चाहिये। तभी ये साबित हो पायेगा कि उसका प्रेम सच्चा है। सच्चा प्रेम त्याग नहीं माँगता बल्कि त्याग करता है। जब युवक अपना धर्म प्रेम के लिये छोडऩे की हिम्मत दिखायेंगे, तब पता चलेगा कि उनका समाज उनके साथ कैसा व्यवहार करता है ?लव जिहाद पर यदि उदाहरण देगे तो बहुत विस्तृत हो जायेगा
डॉ अलका पाण्डेय- मुम्बई
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