प्यार की चाहत-निरुपमा

आंखों में सपनों की आहट 
उमंग भरे दिल में प्यार की चाहत
 प्रिय को देखे बिना 
बावरे मन को मिलती ना राहत
 सांसो में महक चंदन सी
आंखों में चमक चपला-सी
 मुखड़े पर दमक चांद सी
 छुप -छुप कर देखने की ललक
 प्रिय केवल तुम्हारी एक झलक 
नयन निहारना चाहे तुम्हें अपलक
 नजर मिलते ही नजर चुराना
 राज फिर तुम ही से ही छुपाना 
चाहत का अंदाज है पुराना
 झील -सी आंखों में गहराई तक डूबना
 दिल में खुशी के कमल खिलना 
अक्सर दर्पण में सजना -संवरना 
कभी उलझी लटों को सुलझाना -बिखराना 
प्यार की चाहत का मिजाज मस्ताना
 हृदय में झूमता आया मौसम सुहाना


निरुपमा त्रिवेदी,इंदौर



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