अलका की शिकायत

शिकायत तो सबसे , सबको कभी न कभी
किसी न किसी बात पर होती है । ।


शिकायत है माँ को बच्चो से
पति को पत्नि से कब नही होती शिकायत।।


साँसें भी करती है शिकायत
कभी अंधेरी रात रास नही आती
कभी चाँदनी रात से शिकायत
ऋतुओं से पहाणो से धरा से शिकायत । ।


आज को कल से शिकायत व
र्तमान को भूतकाल से शिकायत
शिकायतों का दौर कभी थमता नही है ।।


प्रियतम न मिले तो शिकायत
मिले तो भी शिकायत ,
कब कौन खुश हुआ है ।
कब पूरा संतुष्ट हुआ है ।।


मालकिन को नौकरानी से शिकायत ।
नौकरानी को सेठानी से शिकायत।।


शिकायत हमेशा रहेगी हर बात पर
कब कौन पुरा खुश हुआ है ।
शिकायतों का सिलसिला चला है चलता रहेगा ।।


जन्म से मृत्यु तक रहेगा शिकायत शिकायत ।।
अच्छा बुरा हर बात में शिकायत
अपनों से कैसी शिकायत ।
छोड़ो ये शिकायत करना।।
गले मिले और खुश रहे
जीवन छोटा सा पाया।।
खुश रहकर जी ले
खुश रह कर जी ले


डॉअलका पाण्डेय



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