इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन रहा इनके नाम

वर्ष-:3 अंक -: 1 जनवरी 2021 से मार्च 2021

इन्‍दौर। इंदौर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन 23 जनवरी को विभिन्न सत्रों में विचार प्रवाह साहित्य मंच, इंदौर से जुड़ीं महिला रचनाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर तालियां और तारीफ बटोरीं। दिन का पहला सत्र कविता-सत्र भावों की रागिनियां था।  विचार प्रवाह साहित्य मंच की अध्यक्ष श्रीमती  सुषमा दुबे ने इस सत्र का संचालन किया। शुरुवात हिमानी भट्ट हिन्दी हैं हम रचना से इस सत्र में उत्कृष्ट कविता पाठ किया  मंच से जुड़ी कवयित्री माधुरी व्यास नवपमा ने कैसे लिखू मैं प्रीत की पांति,रश्मि चौधरी ने जन्मभूमि तू ही मेरी माँ है,पिंकी तिवारी कर्ण ने का पश्चाताप,।    विनीता तिवारी द्वारा तलाश कविता पढ़ी गई, माया कौल द्वारा बूंदों की अल्हड़ता पढ़ी गई,ममता तिवरी द्वारा सुनहरा सवेरा है बुढ़ापा पढ़ी गई
अंतिम  सुषमा चौधरी द्वारा अंग्रेजी में कविता सुनाई गई।अध्यक्ष श्रीमती  सुषमा दुबे  ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के संदर्भ में बेटियों पर लिखी कविता सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।इसके बाद के सेशन में सम्पादक श्रीमती  संध्या रॉय चौधरी के मोडरेशन में ओ. टी. टी. पर सेंसरशिप से कंटेंट कितना बदलेगा मुद्दों पर परिचर्चा हुई जिसमें विचार प्रवाह साहित्य मंच की उपाध्यक्ष श्रीमती  सुषमा व्यास राजनिधि और श्रीमती अदिति सिंह भदौरिया ने बेबाकी से अपने विचार रखे। अंतिम सत्र अपर्णा तिवारी ने कवि सम्मेलन का संचालन किया । इस मौके पर श्रोताओं के बीच विचार प्रवाह साहित्य मंच के महासचिव श्री देवेन्द्र सिंह सिसौदिया, संयोजक श्री मुकेश तिवारी, सचिव डाॅ दीपा मनीष व्यास और वरिष्ठ गीतकार श्री कैलाश सिंघल (धामनोद) सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

 


 

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