वर्ष 3 अंक 1 जनवरी से मार्च 2021
नए-सूरज की किरण,जिवन में नूतन रस भर देगा।
उग रहा दिनमान देखो,ले नए वर्ष में जीवन बसंत होगा।
चारों तरफ से प्रकाशित वातावरण लोक-मंगल पथ होगा।
क्रूरतम-अज्ञान-तम को मिटाने हर किरण गाती प्रभाती।
जनपीड़ा से द्रवित ह्रदय विश्वबंधुत्व विश्वशांती गुंजार होती।
संवेदन की सारसों फुले करुण कोकिल उर में झूले।
स्वर्णफुल धरती पर फुले सभी रहे प्रसन्न प्रभु से शक्ति मिले।
शक्ति संगठन के बल पर निर्मल चरित्र अपनाकर स्नेह दीप जले ।
भिन्न चाहे धर्म हो,या भिन्न पुजा कर अर्चना परमेश्वर की साधना।
योग्यता-प्रतिभा परिष्कृत कर सकेगी साधना से मानवी संवेदना ।
लोकसेवा से करें परमेश्वर की साधना "रश्मि" की शुभकामनायें ।
डॉ रश्मि शुक्ला
प्रयागराज उत्तर प्रदेश
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