संकल्प-लीला

वर्ष-3 अंक -1 जनवरी 2021 से मार्च 2021

 
साध कर संकल्प पग आगे बढ़ाएंगे।
हर असंभव कौ मिल संभव बनाएंगे।।
सुबह की लालिमा को देख
नैराश्य की कालिमा भगाएंगे
क्षुद्र अंर्तद्वंद के घट फोड़ कर सारे
नये विश्वास की हम गंगा बहाएंगे।
साध कर संकल्प-----
हर असंभव को------
व्यामोह के बंधन तोड़ कर सारे
साधना में शक्ति का आह्वान लाएंगे
लक्ष्य के प्रति हो समर्पित
सत्य की राह पर हम सदा ही जाऐंगे।
साध कर संकल्प-----
हर असंभव को संभव-----
वंचनाओं के मुखौटे नोच कर सारे
व्यवहार में अपने हम माधुर्य लाएंगे
मनोमालिन्य सारे दूर करके हम
ह्रदय में प्रेम की बयार लाएंगे।
साध कर संकल्प पग आगे बढ़ाएंगे।
हर असंभव को मिल संभव बनिए।।


   लीला कृपलानी(जोधपुर)


 

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ