संकल्‍प-शोभा

 वर्ष 3 अंक 1 जनवरी से मार्च 2021

एक   रोड एक्सीडेंट में मीना का एक पैर कट गया ।उसे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बहुत दिनों तक उपचार चला ,और बाद में उसे छुट्टी दे दी गई । वह चल नहीं पा रही थी ।उसे लगा कि अब वह कभी दौड़ नहीं पाएगी ।उसके सपनों के उड़ान का क्या होगा ? उसके माता-पिता उसे ढांढस बंधाया। जब  उसके मित्र उससे मिलने आए, तो उन्हें  देखकर  मीना की आंखें भर आई। उसने पिंकी से कहा ,यार तुम लोग किस्मत वाले हो ,चल सकते हो, दौड़ सकते हो, और मैं, पिंकी ने कहा ,तुम भी किस्मत वाली हो ,जो बच गई। लेकिन, मीना ना तुम मदद मांगोगी ,और ना हम मदद करेंगे ।मीना तुम बहुत दौड़ती थी ना,थक गई हो , इसलिए कुछ दिन आराम कर लो, लेकिन दौड़ना तो तुम्हें पड़ेगा ही, क्योंकि ना तुम्हारे सिवा मुझे कोई हरा सकता ,और ना ही मैं तुमसे जीत सकती हूं। मीना ने कहा , मैं कमजोर नहीं हूं ।
बस इस तरह की उम्मीद नहीं थी ,इसलिए थोड़ा परेशान हूं।  मैं अपने जीवन में कभी हार नहीं मानूंगी, और कुछ समय बाद नकली पैर लगवा लिया। मीना ने हिमालय की चोटी पर चढ़कर ध्वज फहराने का संकल्प लिया था ।उसकी तैयारी में लग गई ।जिन्होंने, सुना वही दंग रह गए। बहुत लोगों ने मीना को समझाने की कोशिश की ,बेटा यह तुम्हारे बस का नहीं है ।जब लोग ऐसा कहते, तो उसके अंदर आत्मविश्वास और बढ़ जाता  था। मीना कुछ नहीं कहती केवल हंस देती ।माता पिता हमेशा उसके साथ थे। मीना  ने बहुत अभ्यास किया ,  फिर भी उसे चढ़ने में बहुत ही कठिनाइयों  का सामना करना पड़ा। लेकिन उसकी इच्छा शक्ति के सामने सब  परेशानियां छोटी थी।और अंतत: मीना ने हिमालय की सबसे ऊंची चोटी पर चढ़कर झंडा फहरा दिया । तथा  दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई ।

श्रीमती शोभा रानी तिवारी ,
619 अक्षत अपार्टमेंट खातीवाला टैंक इंदौर मध्य प्रदेश मोबाइल 89894 09210

 

 

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