"पुलिस की भीड़ लगी देख!"फल बेचने वाली जिलेबिया ने अचानक रुकी।"फल से लदा टोकरी माथे से नीचे रखी, और सबकी बातों को ध्यान से सुन कर उसे रहा नहीं गया जिलेबिया ने कहा ?? "ये बच्ची मुझे चाहिए।"सुबह का समय शौच करने गया किसी को एक नवजात की रोने की आवाज सुनाई
दी!"उसने देखा उस बच्ची के ऊपर मिट्टी का टुकड़ा रख,उसको दबा दिया गया था और
वो जोर जोर से रो रही है। वही पर घात लगाए कुत्ते भौंक रहे थे, उन्होंनें
कुते को भगाया और अपने गमछे में उस बच्ची को लपेटकर गाँव के सरपंच जी के
यहाँ ले गया।
सरपंच जी सारी बातों को सुनकर पुलिस को बुलाया और सारे गाँव के लोग इकठ्ठे हुये जितने लोग उतनी बातें!"कोई बोल रहा था लड़का रहता तो मैं गोद लेता,लड़की को कहाँ से दहेज दे कर शादी करेंगें ।जिलेबिया बाँझ थी उसने बोली मेरे पास कुछ नहीं है, मैं इस लड़की को गोद लुंगी और पढ़ा कर शादी भी करूँगी।सबकी सहमति से लेबिया को लड़की मिली,उस लड़की का नाम बिगनी रखी ।एक साल बाद जिलेबिया के पति का देहांत हो गया ।अब बच्ची को लेकर परेशानियां
बढ़ गई जिलेबिया फल बेच-बेच कर जो पैसा आता दुध का डब्बा कपड़ा वगैरह सब
पुरा करती थी।
"अब वो स्कुल जाने लगी खर्च बढ़ते गया ! फिर भी जलेबिया हार नहीं मानी ।जैसे-जैसे पढ़ाई पुरी हुई। बिगनी को पुलिस में नौकरी मिल गई ।जिलेबिया भी खुश थी, पर ये खुशी में पता नहीं किसकी नजर लग गई जलेबिया भगवान को प्यारी हो गयी ।गाँव वालों ने बिगनी को खबर कर दिया ।खबर सुनते ही छुट्टी लेकर जब वो घर आई तो गाँव वाले सब इन्तजार कर रहे थे
और एक दूसरे से बात कर रहे थे बेचारी बिगनी को बिना हाँथ पीले किए
जिलेबिया चल बसी ! भगवान ने क्या किस्मत लिखा है बिगनी का एक तो बिन ब्याही
माँ की कोख से पैदा हुई और एक माँ पाली तो वो भी चल बसी ।जलेबिया से लिपट बिगनी फफक-फफक रोने लगी ।माँ .......माँ .....
राजकांता राज
पटना (बिहार )
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