ये सात दिन -नेहा शर्मा

 वर्ष 3 अंक 1 जनवरी से मार्च 2021

देकर एक "गुलाब"
बनाया तूने यार मुझे,
चॉंकलेट दोस्‍ती का वादा
उपहार भी दिया तो "टेडी"
क्‍या कहूँ इस तेरे प्‍यार को
वह दिन भुलाऊँ भी कैसे
जब जीवनभर साथ निभाउंगा
का वादा कर तुने मुझे
छुआ पहली बार
सिरहन सी दौड़ गई
मैं शर्म से लाल हो गई जब
तुम्‍हारे अधर मेरे अधर
के पास आ गये
जल उठी मैं
बॉंहाे में लेकर मुझे
तुमने दिया प्‍यार का पहला
एहसास
इन सात दिनोें में
जैसे जन्‍मों के सुख पा गई
मैं तुम्‍हारी हो गई
जब बॉंहो में लेकर "हग" किया
तब मुझे प्यार का एहसास हुआ
एक नया जीवन बन
"वेलेंटाइन"मनाया आ
तुमने  इन सात दिनों में
जीवन का प्यार सिखाया
बस छोड़ मत जाना
प्‍यार के इस आधे सफर में
मैं बन कक रहूँ बस तुम्‍हारी
सिर्फ तुम्‍हारी 


 नेहा शर्मा विदिशा मध्य्प्रदेश

 


 

 

 

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