सोशल मिडीया-अलका

वर्ष 3 अंक 1 जनवरी से मार्च 2021
हाय रे हाय रे हाय
कैसा आया है ज़माना
सोशल मिडीया का दीवाना ।।
हाथो में सबके आ गया झुनझुना
जिदंगी बन गई है खिलौना ।।

आभासी दुनियाँ का है जीवन
झूठ और फ़रेब से भरा है जीवन
धोखे के सारे लाइक,कमेंट है ।
आभासी दुनियाँ में ही ख़ुश है जीवन ।।

हर वक्त की फ़ोटो हर पोज की फ़ोटो
शादी की , सालगिरह , मातम की फ़ोटो ।
बधाई का चलता है फिर सिलसिला
दिन भर मिलते लाइक , कमेंट नहीं हर फ़ोटो


पहले अंगूठा दिखाना अपशकुन माना जाता ।
अब वही अंगूठा इज़्ज़त दिलाता मान कराता ।।
अंगूठा सबका स्टेट्स सिम्बल बन गया है ।
अंगूठा दोस्तों के बीच शान बढ़वाता ।।

सोशल मिडीया में व्यस्त रहकर
वाटसप . फ़ेसबुक . इंस्टाग्राम  में डूब कर ..
सारा परिवार का समय लगा देती
पर मिलता है अंगूठा ..'
अपने पटल पर सबको जोड़कर

आन्नदित होते , एडमिन बन  अकड़ते है
उँगलियों का कमाल दिखाते व इतराते है । ।
मज़ा जब आता जब मातम पर फिर लोग लाइक करते ..
तब सोशल मिडीया का खोखला पन व नक़ली सब दिखता
 

अलका पाण्डेय, मुम्‍बई। 


 


 

 

 

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