वर्ष-:3 अंक -: 1 जनवरी 2021 से मार्च 2021
प्रपोज़ डे 11/2/2021
आज इज़हार -ए -दिन आया
कैसे करुं इज़हार दिल का प्यार
देती हूँ खुबसुरत तोहफ़ा दिल अपना ।
प्यार के दो लफ्ज बंया करते हाले दिल मेरा ।।
दिल हर वक्त तेरा ही गीत गाता है ।
आज इजहार -ए दिन आया है ।।
इसीलिए आज में अपना प्रेम इज़हार करती हूँ ।।
तुझ को अपना बनाती हूँ , घर बार सौंपती हूँ ।।
तेरी खामोश निगाहे हम पढ़ लेते है ।
तेरे दिल की धड़कन महसूस कर लेते है ।।
तुम कभी कुछ नहीं कहते मौक़ा अनदेखा करते ।
इसीलिये आज मौक़ा -ए -दश्तूर पर प्यार का इज़हार करते ।।
प्यार अगर सच्चा हो आँखे बोल पड़ती है ।
कितना भी छिपाना चाहो पलकें सलाम करती है ।
लफ्ज खामोश कहाँ रहने देते इशारा कर जाते है ।
तू ही तू इस दिल में बसता कह जाते है ।।
तुम से इज़हार दिन पर हाले दिल दास्तान सुनाती हूँ ।
प्यार का एहसास आज सुनाना चाहती हूँ ।।
दिल तितली बन बागो में उड़ने ल।
किस डे १२/२/२०२१
कैसा कैसा दिन बनाया
चुम्बन दिन भी आ गया ।।
चुम्बन के मतलब है ,अलग अलग
सबके लिये भावना ,अलग अलग ।।
भोर कि किरणें चूमती है मस्तक को ।
याद दिलाती है दिन निकल आया
हमको ।।
रवि रश्मियाँ चूमती है कलियो को
और खिलने का निखरने का संदेश देती ,कलियो को ।।
पवन हिलोरे चूमते है फूलो की डाली डाली ।
घुम घुम कर वन उपवन सब महकाते क्यारी क्यारी ।।
उषा की लाली गंगा जल चुमती है
थिरक थिरक कर निर्मल जल पीती है ।।
माँ चुमती है बच्चे के ललाट को
और आशीषों से झोली भरती है ।।
घर के बड़े रोज ही अपने बच्चो का चुम्बन लेते है ।
और आशीष देते है खुश रहो कामयाबी का मंत्र देते है ।।
प्रेमी अपनी प्रेमिका का चुम्बन लेता है ।
विश्वास दिलाता है सदा ही साथ रहूँगा ,वादा करता है ।।
भाई अपनी बहन का माथा चुमता है ।
ख्याल रखने और रक्षा करने का वचन देता है ।।
चाह नहीं प्रिये
चाह नही है तुम से प्रिये
"रोज डे " पर मैं गुलाब पाऊँ ।।
गुलाब तो रोज़ ही बालकनी में खिलकर हमें अपनी ख़ुशबू से महकाता है प्रिये ..
चाह नही है "चाकलेट डे "पर प्रिये
तुम चाकलेट का डब्बा थमाओ और खा खा कर मोटी हो जाऊँ ।।
चाह नही है "प्ररामिस डे "पर
तुम कोई वादा करो और मैं
छली जाऊँ ....रो रो कर अपना सर भारी करुं प्रिये ..
चाह नही है " प्रपोज़ " डे पर
तुम कुछ इकरार करो और स्वंयम के जाल में फँस कर रह जाओ ...प्रिये
चाह नही है " टेडी डे" पर तुम मुझे
टेडी उपहार दो , बंधन कोई प्यार में स्विकार नही प्रिये ...
चाह नही " किस डे " पर
मुझ को तुम बेमन से प्यार करो
जाओ जहाँ दिल है तुम्हारा जाकर उसको प्यार करो ....प्रिये
चाह नही "हग डे " पर
तुम बाँहों का घेरा बनाओ
मुझे गले लगाओ. , एक दिन का विश्वास नही है मैं तो जन्म जन्म तुम्हे चाहूँ …
हग डे १३/२/२०२१/
आज दिल में तमन्ना जागी है
तेरी बाँहों का सहारा मिल जाये
तेरी पनाह में सारी जिदंगी गुज़र जाये ।
तेरे सीने से लग जाऊ और ज़िंदगी गुज़र जायें ।।
मुझको गर तेरा सहारा मिल जाये
नज़रों को तेरी दीदार मिल जाये
किसी और की कोई तमन्ना नही है ।
मुझे तेरी बाँहों की कैद मिल जाये ।।
पास आओ और गले से लगा लो
तुम मुझ को मुझी से चुरा लो ।।
हमें कोई हमसे दूर न कर दे ...
अपने दिल में मुझ को छुपा लो ।।
तेरा साथ चाहती हूँ तेरा हाथ चाहती हूँ ।
बाँहों में तेरी रहना रात दिन चाहती हूँ ।।
मेरा दिल नही है अब मेरे ही बस में ।
दुनियाँ की सारी रस्में तोड़ तेरे पास आना चाहती हूँ ।।
मन ही मन तुमसे बाते करती हूँ
दिल की हर बात कह जाती हूँ ।।
तुम भी समझो ईशारे और कह दो मन की बात ।
बहुत कुछ कहना है पर रुक जाती हूँ ।।
लिपट जाने का मन करता है
पर जमाने से डर सा लग…
वैलेंटाइन डे १४/२/२०२१
आज गुलाब की बहार है ।
हमने किया इकरार है ।।
महबूब को दिया गुलाब है ।
सब तरफ प्यार की बौछार है ।।
प्यार के रंग में भीगा भीगा मौसम है ।
बुढो की भी लौट आई जवानी है ।।
मोहब्बत की कहानी तो रंग बिरंगी है ।
हवाओ को भी चढ़ी आज मस्ती न्यारी है ।।
ईशारो के तीर आज चल रहे है ।
नयन सभी के आज बोल रहे है ।।
छुप छुप कर आज प्रेमी मिल रहे है ।
बाज़ारों में आज युगल घुम रहे है ।।
सात दिन का वेलेटाईन त्यौहार मनाया ।
अपना अपना दिल खोल कर दिखाया।।
साथ निभाने , जिने मरने की क़समें खाई ।।
ऋतु राज वसंत ने भी आज वेलेण्टाइन डे मनाया ।।
वांसती पर्व हम मनाते है
पश्चिम मनाते वेलेण्टाइन डे है
प्रेम रंग में डूबी है यह दुनिया सारी
भारत हो या अमेरिका प्यार का पर्व सब मनाते ।।
0 टिप्पणियाँ