वर्ष 3 अंक 1 जनवरी से मार्च 2021
मुझे अब भी याद है जब आज की तरह लोग इतने पाश्चात्य संस्कृति के शिकार नहीं थे | सभी तीज त्योहार भारत के ही हुआ करते थे और भारतीय परंपरा के द्वारा ही मनाये जाते थे परंतु अब तो इतने दिन, दिवस , डे एक ही नाम के हमारे सर पर हावी हो गयें हैं कि कभी कभी कन्फ्यूज हो जाता हूँ " आज का दिन बीत गया ! कल क्या करुं ... क्या ना करुं |
अरे हां ! याद आया !! कल तो चाकलेट डे है!?
हं... लाओ ढेर सारी बढिया बढिया चाकलेट और देदो जिसे चाहो उसे भी और न चाहो...... लेकिन उन दिनों की याद मेरे दिल से निकल ही नहीं पातीं जब हम प्राइमरी स्कूल के छात्र हुआ करते ' हमारे बाबूजी रोज शाम को काम से वापस लौटते ही हमें एक रंग बिरंगी रुल जैसी चीज पकडा देते और जैसे ही हम उस रुल नुमा कागज को फाडते ! उसमें से रंग बिरंगी गोलीयाँ निकल पडती थीं मीठी मीठी ' हां सही पहचाना...... वे पापिन्स की ही गोलीयाँ होती जो हमे रोज मिला करतीं थीं |अब तो लोग चाकलेट डे मनाते है वर्ष में एक बार |
आज बाबूजी की बहुत याद आ रही थी सोचा गाँव चला जाऊँ, उन दिनों की पापिन्स की गोलीयों वाली मिठास फिर से बाबूजी के साथ शेयर करुं सो बैग उठाया और बस पकड़ रात्रि ग्यारह बजे गाँव पहुंचा तो घर के बरामदे में तखत पर बाबूजी सो रहे थे | मैंने उन्हें जगाना उचित नहीं समझा और चुपचाप अपने कमरे में जाकर सो गया |
सुबह उनके जागने से पहले ही उनके पास जाकर बैठ गया बाबूजी करवट ले कर उठे और मुझे देख कर एक बारगी तो अपनी आंखें मलने लगे फिर बोले " बिन्नू .. ! तू आ गया बेटा !? मैंने देखा उम्र और वक्त की मार झाईयो और झुर्रियों के रूप में उनके चेहरे पर घर बना चुकीं थीं बालों की सफेदी और आंखों की कम होती रौशनी मेरे आने की प्रतिक्षा को दर्शा रही थी |
मैंने चाकलेट का डिब्बा बाबूजी को देते हुए कहा "आज चाकलेट डे है बाबूजी ! मन किया कि आपके साथ मनाऊं सो चला आया वैसे बचपन में आपके द्वारा लाई गई उन पापिन्स की गोलीयों के सामने तो ये कुछ भी नहीं हंहं ' उन्होंने एक नज़र चाकलेट के डिब्बे पर डाला फिर मेरे चेहरे पर अपना हाथ फेरते नम आँखों से बोले "तू आ गया ना ! मेरे लिए यही अच्छा दिन है तुझे अपनी छाती से लगा कर जो मिठास मुझे महसूस हो रही है वो इन चाकलेटों में कहाँ !!? और बाबूजी ने मुझे गले से लगा लिया मेरे हाथों में चाकलेट के डिब्बे का हर चाकलेट मुझे फीका सा लग रहा था |
संतोष " शान "
हाथरस ( उ. प्र. )
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