अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मेरा इतना ही कहना है कि कभी किसी महिला से पंगा मत लेना।और यदि वह महिला आपकी पत्नी हो तो सपने में भी नहीं।
गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी श्रीरामचरितमानस में लिखा है-
तब मारीच हृदयँ अनुमाना। नवहि बिरोधें नहिं कल्याना॥
सस्त्री मर्मी प्रभु सठ धनी। बैद बंदि कबि भानस गुनी।।
{तब मारीच ने हृदय में अनुमान किया कि शस्त्री (शस्त्रधारी), मर्मी (भेद जानने वाला), समर्थ स्वामी, मूर्ख, धनवान, वैद्य, भाट, कवि और रसोइया- इन नौ व्यक्तियों से विरोध करने में कल्याण नहीं होता।}
इसमें गोस्वामी जी पत्नी को भी जोड़ सकते थे।वे लिख सकते थे- दसहि बिरोधे नहिं कल्याना। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि वो पत्नी से पंगा नहीं लेना चाहते थे। उनका पंगा ऑलरेडी एक बार हो ही चुका था।
कल मैंने अपनी एक मिनट की एक हास्य कविता के वीडियो का यूट्यूब का लिंक फेसबुक पर डाला था।पत्नी बोली-लिंक क्यों पोस्ट किया। कई बार लिंक ओपन नहीं होता। सीधे-सीधे वीडियो डालो, ताकि लोगों को आसानी से पता तो चले कि पत्नी से पंगा लेने का परिणाम क्या होता है।इसलिए आज मैं सीधे-सीधे वह वीडियो ही पोस्ट कर रहा हूं।क्योंकि पत्नी से पंगा जब गोस्वामी जी ने नहीं लिया तो मैं क्यों लूं।आख़िरकार गोस्वामी जी दुबे थे और मैं भी दुबे (द्विवेदी) ही हूं।
डॉ. कमलेश द्विवेदी संपादक साहित्य सरोज 9454565175
आप सभी पाठको, रचनाकारों को महिला दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। साहित्य सरोज से जुड़े हम आपके लिए लाये हैं महिला उत्थान पर अनेकों कार्य हकीकत की धरातल पर।
0 टिप्पणियाँ