सूरज जी आये गर्मी लेकर -डॉ. सुरेन्द्र दत्त



सूरज  जी  आये  गर्मी  लेकर ,
उससे  जूझ  रहा   प्राणी  हर ।

जब  करती  गर्मी अपनी  मार  ,
पसीने  की  बहने  लगती  धार ।

धूप  लगती  है  तन  पर  ऐसी ,
मानों आग बरस रही हो जैसी ।

जलते   हैं  राहगीरों   के  पाँव ,
ढूँढते   फिर  वृक्षों  की   छाँव ।

शीतल जल  के  लिये  तरसते  ,
मिलती राहत जब मेघ बरसते ।

सूरज  बड़ा  ही  नटखट  लाल ,
बदलता  रहता   अपनी   चाल ।

बड़ा  मायूस दिखता पूस-माघ ,
जेठ-आषाढ़ में  बरसाता आग ।

गर्मी का   बहुत  बड़ा  भण्डार ,
जून-जुलाई  में  लाता हर  बार ।

गर्मी  संग  मक्खी - मच्छर  रोग  ,
बिगड़ते  इनसे  बहुतों  के  जोग ।

सावधानी  के   साथ  जो   रहते  ,
वे  नहीं  रोग - व्याधियाँ    सहते ।
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डॉ. सुरेन्द्र दत्त सेमल्टी
ग्राम/पो.पुजार गाँव(चन्द्र वदनी)
द्वारा - हिण्डोला खाल
जिला - टिहरी गढ़वाल - 249122(उत्तराखंड)
मोबाइल नंबर - 9690450659
ई - मेल -
dr.surendraduttsemalty@gmail.com


 

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