वैसा नहीं रहा वो-होशियार सिंह

 एक-एक मरीज के पास दौड़-दौड़ कर डाक्टर रमन जा रहा था। अदब से बात करता, दवा अपने हाथों से देता। पिछले 3 महीने से अपने घर को भूल गया और जन सेवा में जुटा हुआ था। किसी से कोई पैसा न लेना, मुफ्त इलाज करते करते वो ख्याति अर्जित की कि लोग जब घर जाते थे तो उन्हें भगवान की संज्ञा देकर जाते। बार-बार प्रभु का आभार जताते कि इस प्रकार का इंसान धरती पर पैदा किया, जो जन सेवा में जुटा रहता है। डाक्टर रमन का स्वभाव इतना मधुर की सभी से हंस कर खुश होकर बात करता किसी प्रकार की कोई चेहरे पर दर्द का आभास नहीं। रात को भी एकाध घंटे ही सो पाता। इतना नाम कमाया शायद पहले कभी किसी ने कमाया होगा।

  चंद ही दिन बीते डाक्टर के मन में प्रलोभन जागा। महामारी फैल गई, भारी हुजूम चलकर उनकी ओर आने लगा परंतु आज वह डाक्टर वैसा नहीं था जो पहले था। जब भी कोई मरीज जाता जमकर पैसे लेता।कोरोना काल में तो कितने ही कोरोना मरीज आए, लुटकर चले गए, कितनों की जान चली गई। धीरे-धीरे बात पूरे शहर में फैल गई। आज यह डाक्टर पहले वाला डाक्टर नहीं रहा। लोग दर्द के मारे उसे डाकू करने लग गए। डाक्टर के पास आने वाले बेचारे रोते हुए आते और ज्यादा रोते ही घर जाते। ऐसी बुरी हालात शायद पहले कभी नहीं देखी थी। एक बार जो यहां आ गया लाखों रुपए के नीचे चला गया और स्वास्थ्य लाभ भी न के बराबर हुआ।
जो रमन के अस्पताल से बाहर जाता वह बस गाली देते हुए जाता और कहता की भगवान ऐसा राक्षस डाक्टर धरती पर क्यों भेजा? सचमुच डाक्टर के कार्यशैली को देखकर आंखों में आंसू आ जाते पर कर भी क्या सकते हैं। सभी के मुख पर एक ही शब्द था-पहले वाला नहीं रहा वो।

होशियार सिंह यादव
कनीना- 13027
मोहल्ला-मोदीका  वार्ड नंबर-01
 जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
फोन- 09416348400



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