इश़्क में निखार

इश्क में निखार 

इश्क होगा राख तो ही निखार आयेगा,
दिल में जगेगा प्यार तो ही निखार आयेगा।
चाँद तो चमकता है हर रोज़ आसमान में,
चाँदनी होगी साथ तो ही निखार आयेगा।

इस तरह ना देखिए हमें एक टक आँखो से,
जब होगीं बात इशारे से तो ही निखार आयेगा।
इश्क का मज़ा इंतज़ार के साथ ही आता है जनाब,
निगाहें गड़ी होगीं दरवाज़े पर तो ही निखार आयेगा।

इश्क की रौशनी से देखो अंधेरो में भी चमक जाग उठी।
इश्क करने वालो ज़रा करो अंधेरा तो ही निखार आयेगा।
सोचते रहते हैं हम आजकल उन्हीं के बारे में,
जिस दिन आओगे पास सनम मौहब्बत में निखार आयेगा।

मेरी ज़िंदगी के मीठे सुरीले सुर हो तुम,
जब छेड़ोगे मन के तार तो ही निखार आयेगा।
मौहब्बत नूर है हर किसी को जल्दी से यह नहीं होती,
इबादत बन जाओ तुम मेरी तो ही निखार आयेगा।

आईने में मैं जब भी देखूँ चेहरा अपना ,
मेरे चेहरे की जगहा हो चेहरा तुम्हारा तो ही निखार आयेगा।।
इश्क होगा राख तो ही निखार आयेगा,
दिल में जगेगा प्यार तो ही निखार आयेगा।


शाहाना परवीन...
पटियाला पंजाब

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