हिंदी है तो हमारी संस्कृति ज़िंदा है।हिंदी हमारे हिन्द की पहचान है।राष्ट्र को गर्वान्वित करने वाली राजभाषा की प्रसिद्ध एक न एक दिन राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाकर ही रहेगी ये हमारे हिन्दवासियों, हिंदीप्रेमियों का विश्वास है। हिंदी दिवस तो 365 दिनों तक जीवंत रहने वाली भाषा है।हाँ हर नई पहल के लिए एक विशेष दिन होता है वही विशेष दिन 14 दिसम्बर माना गया है। यही एक ऐसी पवित्र भाषा है जिसमें तत्सम तद्भव का प्रयोग किया जाता है जो भाषा को आभूषित करते हैं।रिश्ते को आसानी से समझने में सक्षम भाषा ...जैसे चाचा की पत्नी चाची,मामा की पत्नी को मामी जानना सरल है अपितु बाक़ी भाषा में ये उपयुक्तता नहीं मिलती।हिंदी भाषा- भाषी देश ही नहीं विदेशों में भी बहुधा रूप से सम्मिलित हैं जिससे विदेशों में भी विख्यात हो रही है हिंदी। दर्शन, कहानी,कविता यानि गद्य या पद्य दोनों विधाओं में जितनी हिंदी सर्वाधिक लोकप्रिय हुई उतनी ही सहजता से पाठकों के दिल को ग्राह्य भी। विज्ञान के अनुसंधान से लेकर न्यायालय के फैसले में भी हिंदी भाषा की अत्यंत बेसब्री से प्रतीक्षा है। लगातार कोशिश के साथ जैसे आई०आई०टी०बी०एच्०यू० से अभियंता की पढ़ाई में हिंदी भाषा को लाने का प्रयास । सिर्फ़ हमें हर हाल में एक ही योगदान देना होगा,एक ही संकल्प लेना होगा कि अपनी हिंदी को जीवंत रखने हेतु दुनिया के किसी भी कोने में जाएंगे हिंदी ही बोलेंगे।फलस्वरूप एक दिन हिंदी का वर्चस्व हिंदुस्तान ही नहीं विश्व के हर कोने में विद्यमान होगा।भारत में भाषा हिंदी ही सबसे प्रधान है
हिंदी हमारे देश की मिट्टी की शान है l
विस्तार ये हिंदी का सकल विश्व जानता
55 करोड लोगों की समझी ज़ुबान हैl
हिंदी से हिंद ,हिंद से हिन्दोस्तां हुआ
एकीकरण में राष्ट्र की पहचान मान है l
दर्शन कहानी कविता ग़ज़ल गीत समाचार
सबके हृदय को छूती ये हिंदी ही जान है l
लिखने में हिंदी जैसी है,पढ़ने में वैसी है
भाषा न कोई दूसरी इसके समान है l
हर शब्द तर्क पर खरा, निर्माण अर्थपूर्ण
शब्दों का संकलन ही तो हिंदी की आन हैl
जागो हे हिंदीभाषी कि हिंदी पे ज़ोर दो,
दुनिया में सबसे मीठा इसीका विधान है।
सोनी सुगन्धा
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