हम ना बदले-कृपा राज

ना हम बदले हैं ना हालात बदले हैं
हाँ-
वक़्त के साथ कुछ सवालात बदले हैं।


चाँद भी वही है सूरज भी वही है
फिर भला कैसे कह दु कि
दिन रात बदले हैं।
ना हम बदले हैं ना हालात बदले हैं
हाँ-
वक़्त के साथ कुछ सवालात बदले हैं।


वो , जो दिन ढलते ही सो गए
मखमली आगोश में
उन्हें क्या खबर कि
मौसम ने अपने मिजाज बदले हैं
ना हम बदले हैं ना हालात . . . . .


गरीबी, लाचारी, भुखमरी, बेरोजगारी पे
अब बात कौन करे साहब
निजाम ने देशभक्ति के नए आयाम बदले हैं
ना हम बदले हैं ना हालात. . . . .

घुटन सी होती है महफ़िलो के नाम पर।
शहर में लोगो ने
मिलने के अंदाज बदले हैं।
ना हम बदले हैं ना हालात . . . 

मुफलिसी के दौर में सायरी क्या ख़ाक करोगे 
राज!
लोग तो बस यही कहेगें कि 
इसने जीने के अंदाज बदले हैं
ना हम बदले हैं ना हालात बदले हैं
हाँ-
वक़्त के साथ कुछ सवालात बदले हैं।।

कृपा राज

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