महिला रचनाकारों द्वारा सृजित होना, बुंदेली रामायन की विशेषता : मनोज श्रीवास्तव


 


आरिणी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा हिंदी पखवाड़े के तहत आज दिनांक 19 सितंबर 2021 को विश्व संवाद केन्द्र, भोपाल में पवित्र कृति, 'बुंदेली रामायन' का लोकार्पण समारोह संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री पुष्पेंन्द्र पाल सिंह, सीइओ, मध्यप्रदेश माध्यम ने कहा कि रामायन के विभिन्न पात्रों का विद्वता एवं भावनाओं के साथ इस तरह उकेरा जाना कि जन जन में पैठ बना सकें, यही इस कृति की विशेषता है। अध्यक्ष मनोज श्रीवास्तव, पूर्व अपर मुख्य सचिव, ने कहा कि इस रामायन की खासियत है इसमेंं सभी महिला रचनाकारों के द्वारा सृजित होना, जिसके कारण इस रामायन में ऐसे महिला पात्रों पर भी  रचनाऐं शामिल हैं जिन पर  ज्यादा लोगों ने कलम नहीं चलाई।  विशिष्ट अतिथि डॉ राजेश श्रीवास्तव, ने कहा कि बुंदेली संस्कृति की रीति रिवाजों का उल्लेख होना, इस कृति की विविधता है। डॉ मोहन तिवारी आनंद, अध्यक्ष, तुलसी मानस अकादमी ने कृति की समीक्षा करते हुए कहा कि छंदो की विविधता ही इस कृति की विशेषता है। घनश्याम मैथिल अमृत, सचिव, लघुकथा शोध केन्द्र ने कहा कि बुंदेली बोली  में इस कृति का सृजन होना, इस रामायन की विशेषता है एवं इससे अन्य लोगों को प्रेरणा मिलेगी कि वो भी इस तरह की कृतियों को रचें। 

पुस्तक की संपादक डॉ मीनू पाण्डेय नयन ने बताया कि यह कृति कोरोनाकाल जैसे विकट समय में आशा की किरण सिद्ध हुई। इसे  डॉ मीनू पांडे सहित सात सखियों, डाॅ रंजना शर्मा, डाॅ कुंकुम गुप्ता, डाॅ रेणु खरे, श्रीमती दुर्गा रानी श्रीवास्तव, श्रीमती श्यामा गुप्ता एवं श्रीमती हंसा श्रीवास्तव ने मिल कर बुंदेली बोली में रचा है। कार्यक्रम पूर्ण रूप से बुंदेली बोली में ही आयोजित किया गया। सरस्वती वंदना श्यामा गुप्ता, दुर्गा रानी श्रीवास्तव एवं हंसा श्रीवास्तव ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का सरस संचालन डॉ रंजना शर्मा एवं डॉ रेणु श्रीवास्तव खरे ने किया एवं आभार डॉ कुंकुम गुप्ता ने प्रकट किया।कार्यक्रम में शहर एवं अन्य शहरों से पधारे जाने माने साहित्यकारों ने शिरकत की। 


साहित्‍य सरोज 

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