पत्नी-कृपा-पागल

 यद्यपि हमारे यहाँ स्कूल सुबह नौ बजे खुलते हैं।

किन्तु पत्नी-कृपा से हम रोज दस बजे ही पहुंचते हैं।।

वो बारह बजे तक बेसिर-पैर के सीरियल देखती है।

और सिंहनी स्वेच्छा से आठ बजे सोकर उठती है।।

रोज कहता हूं रोड का स्कूल है डर लगा रहता है।

वो कहती है अरे! सरकारी स्कूलों में सब चलता है।।

एक दिन क्रॉस चेकिंग में डिप्टी साहब का शुभागमन हो गया।

और स्कूली सुव्यवस्थाओं से उनका मधुर-मिलन हो गया।।

लखनऊ वाली मैडम फोनियाने में व्यस्त मिलीं।

उन्नाव वाली वाट्सअप चलाने में मस्त मिलीं।।

स्कूल में उपस्थित बच्चे गिनती में पचास मिले।

किन्तु एमडीएम रजिस्टर में सौ के आसपास मिले।।

गुणवत्ता खोरों का जलवा लासानी मिला।

डूब मारने लायक पकती दाल में पानी मिला।।

निर्माणाधीन कक्ष में जमके गड़बड़ घोटाला था।

नाम को सरिया-सीमेंट बस बालू का बोलबाला था।।

हमें देखकर बोले भ्रष्टाचार की तरह फूलते जाते है

मोटा वेतन पाकर भी पुलिस की तरह समय पर नहीं आते हों।।

बाइक पंचर का बहाना करके दिमाग न खराब कीजिए।

बी एस ए आफिस आकर नोटिस का जबाव दीजिये।।

अगले दिन अखबारों में गुरुघंटालों की कर्मठता का प्रमाण आया।

पत्नी ने कहा चलो इसी बहाने अखबार में तुम्हारा भी नाम आया।।

बी एस ए ऑफिस का माहौल बाज़ार  आधारित था।

सस्पेंशन,सी सी एल, डी ए, एरियर सबका रेट निर्धारित था।।

बाबू ने कहा साहब बहुत खफा हैं जल्दी से दस हजार लाइए।

स्पष्टीकरण हमें  दीजिये और आप अपने घर जाइए।।

एक परिचित चपरासी हमें देखकर मुस्कराया।

और उसने क्रास-चेकिंग का गुप्त रहस्य बताया।।

सत्ता बदलने का असर पागल इस तरह टाला जाएगा

जिले में बने रहने को ये पैसा एक नेता जी की जेब में डाला जाएगा।।

 आर बी शर्मा पागल हरदोई



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