क्या होता है ये लव जिहाद-ज्‍योति

 ' लव जिहाद 'ये शब्द आपने कई बार सुना होगा...क्या होता है ये लव जिहाद..

   अगर इसे सरल शब्दों में कहें तो लव जिहाद या जिहाद मुस्लिम पुरुषों द्वारा गैर-मुस्लिम समुदायों से जुड़ी महिलाओं को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराने के लिए प्रेम का जाल बुनना है। आपने भी देश में लव जिहाद के दिल दहला देने वाले किस्से सुने होंगे, 

लव जिहाद दो शब्दों से मिलकर बना है। अंग्रेजी भाषा का शब्द लव यानि प्यार, मोहब्बत या इश्क और अरबी भाषा का शब्द जिहाद। जिसका मतलब होता है किसी मकसद को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देना। जब एक धर्म विशेष को मानने वाले दूसरे धर्म की लड़कियों को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उस लड़की का धर्म परिवर्तन करवा देते हैं तो इस पूरी प्रक्रिया को लव जिहाद का नाम दिया जाता है।


कुछ घटनाओं का मै आज जिक्र करते हुए वहाँ आपका ध्यान ले जाना चाहूँगी...

एक हिन्दू लड़की ने एक मुसलमान लड़के के प्रेम जाल में फँस कर उससे शादी की, जिसके जीवित बीबी से दो बच्चे थे, और इस बात को वो जानती  थी। उसके बावजूद भी लड़की आग में कूदी तो कसूरवार तो लड़की भी है, ये कहना था सभी लोगों का.. जब कि वो एक साज़िश का शिकार बनी थी न  कि प्यार था, जिसका परिणाम ये हुआ कि मुस्लिम लड़के ने उसे प्रताड़ित किया बहुत सी यातनाएँ दी जिससे तंग आकर लड़की अपने पिता के घर वापस लौट आई परंतु जब उस मुद्दे पर उसके परिवार ने अपनी आवाज़ बुलंद की तो उस लड़के के परिवार एवं मौहल्लेवालों को हिन्दू होने के नाते उस लड़की के साथ खड़े होने की बजाए सख्ती से कहा था, “ऐसी…लड़की को ठोकर मार कर घर से ही नहीं मोहल्ले से भी निकालो। जिसने जानबूझकर बाल-बच्चो और पहली बीबी वाले से शादी की है।” आज भी ऐसे लोगों को समाज सिर पर बैठाए हुए है।

कहने का मतलब यह है, जब तक परिवार पश्चिमी सभ्यता को त्याग भारतीय संस्कृति को नहीं अपनाएंगे, देश विरोधी इसका लाभ उठाकर अपने “गजवा-ए-हिन्द” के मकसद में कामयाब होते रहेंगे। “गजवा-ए-हिन्द” को दफ़न करने के लिए हमें सर्वप्रथम, देश से गंगा-जमुनी तहजीब, सेक्युलर शब्दों का जनाजा निकाल कर समुद्र से अधिक गहरे गड्डे में दफ़न करना होगा, अन्यथा देश इस आग में जलता रहेगा।


अभी नागरिकता संशोधक कानून विरोध धरनों और प्रदर्शनों में खुले आम हिन्दुत्व को अपमानित करवाया जा रहा था, और बेशर्म लालची गैर-मुस्लिम कड़कती ठंठ में अपने दूध पीते बच्चों को रात को धरने पर बैठ रहे हैं, चाय बांट रहे हैं, लंगर लगा रहे हैं। जिन-जिन राज्यों में इस तरह के हिन्दू विरोधी नारे लगे थे, वहां की सरकारों ने तुरन्त कार्यवाही क्यों नहीं की? जिन्हें ये बेशर्म नेता गरीब, मजलूम, असहाय और नासमझ कहकर जनता को गुमराह कर अपनी तिजोरियां भर रहे हैं, ये हिन्दुओं के खिलाफ मुस्लिमों के साथ मिलकर  षड़यंत्र रचते हैं अपनी राजनीति की रोटियाँ सेकते हैं, सत्ता की लालच ने नेताओं को धृतराष्ट्र बना दिया है यही लोभ इनके विनाश का कारण बन्न सकता है, हमारे हिन्दुस्तान की पहचान इसकी सभ्यता,संस्कृति से जिसे बचाए रखना हम सभी का कर्तव्य है, हम सभी संकल्प लें कि अपने देश को,अपने धर्म अपनी संस्कृति को बचाए रखने हेतु प्रयासरत रहेंगे,


हमारा राष्ट्र हमारी पहचान 

हमारी धड़कन हिन्दुस्तान



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