सिवनी में सम्‍पन्‍न हुआ जनजातीय गौरव दिवस बिरसा मुण्डा जयंती

 *जनजातीय गौरव दिवस बिरसा मुण्डा जयंती*

*गांधी जी से पहले कर(टेक्स) देने से इंकार करने वाला पहला जननायक बिरसामुण्डा था* जिससे अँग्रेजों की अर्थव्यवस्था चरमरा जाती।इस कारण उन्हें सजा दी गई और जेल में उनकी जहर देकर मृत्यु की गई थी, यदि बिरसा मुण्डा छूटते तो कर न देने के लिए लोगों को जागृत करते।जो सरकार के लिए खतरा था और सरकार की अर्थव्यवस्था गडबडा जाती यही देख अँग्रेजों ने उन्हे जहर देकर मार डाला। उक्ताशय के विचार संस्था प्रमुख, वनवासी विकास परिषद के नगर अध्यक्ष, जिला साहित्य मंच के अध्यक्ष डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बबोधन मे व्यक्त किये।
वनवासी विकास परिषद सिवनी के जिला अध्यक्ष श्री नाथूराम धुर्वे ने बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डाला।संरक्षक श्री दुर्गा श्रीवास्तव ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर जनजाति वर्ग के द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में किए गए संघर्ष दिए गए बलिदान और अंग्रेजों के विरुद्ध जो संग्राम छेड़ा था जिसे इतिहासकारों ने अन देखा कर दिया था उसके बारे में अपने विचार व्यक्त किए, सचिव श्री संजय शर्मा ने बिरसा मुंडा के व्यवहारिक जीवन और वर्तमान परिवेश के संदर्भ में अपनी बात रखें वरिष्ठ साहित्यकार श्री रमेश श्रीवास्तव चातक ने अपनी कविताओं के साथ बिरसा मुंडा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला पत्रकार एवं कवि श्री संजय जैन संजू ने गोंडी भाषा की कविता और देसी कविता के माध्यम से अपने विचारों को व्यक्त किया डॉक्टर महेंद्र नायक ने वर्तमान परिवेश में जयंती के और औचित्य को लेकर अपनी बात रखी प्राध्यापक अन्नपूर्णा मिश्रा ने भोपाल रेलवे स्टेशन का नाम कमलापति रानी रखे जाने के संदर्भ में कमलापति रानी के जीवन पर प्रकाश डाला और उसी परिपेक्ष में बिरसा मुंडा के जीवन के घटनाक्रम को बताया ।कवि जे.पी.राजोरिया ने अपनी ओजपूर्ण कविता प्रस्तुत की आभार प्रदर्शन करते हुए कार्यक्रम के संचालक विधि विभागाध्यक्ष एडवोकेट अखिलेश यादव ने बिरसा मुंडा के संघर्ष की गाथा को सिवनी के टुरिया कांड मैं बलिदान हुए शहीदों को स्मरण कर उसको भी इस संदर्भ में अपने विचारों में व्यक्त किया।एडवोकेट अमर सिंह राठौर ने बिरसा जी के जीवन पर प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्तर्गत सरस्वती वंदना,आदर्श कहार, शरद परते,अतुल सैय्याम ने लोकगीत शरद परते,ब्रम्हान सिंह जंघेला ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में श्री लक्ष्मी नारायण सोनकेशरिया,श्री ताम्रकर जी,संगठन मंञी श्री प्रेम धनकड जी आदर्श कहार ,अतुल सैयाम कार्तिकेय सिंह, वैशाली दशमेर, प्रियंका सोनवर्षे, संजू काकोडिया, ब्रह्मांड सिंह जंघेला, रोहन तिवारी, शरद परते, लोकेश ठाकुर, अरूण कुमरे,आगम जैन,दीपराम साहू,जितेंद्र ठाकुर, रागिनी कुम्भारे, कांता कर्वेती,मनीष साठवाने,अभिषेक सनोडिया, ममता इनवाती, नीता वाडिवा,सुमन्त रसिक,अंकन सिंह रजक,देवी सिंह बघेल,श्रीवास काका का महत्त्वपूर्ण योगदान व गरिमा मयी उपस्थिति रही।



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