तुम बेवफा -खुशबू

 तुम तो बड़े बेवफ़ा हो जी

वफ़ा की कद्र नहीं तुमको

कहीं तुम आंख लड़ाते हो

कहीं पर बात बढ़ाते जी

किसी को हक नहीं मिलता

कहीं तुम इश्क लड़ाते जी 

बड़े अईयाश लगते हो 

तुम तो बड़े बेवफ़ा हो जी

हुस्न के आरज़ू में तुम हर इक कन्या बदलते हो 

कभी तुम इस गली जाते कभी तुम उस गली में जी

है ये इल्ज़ाम नहीं तुमको

है हकीकत तुम्हारा जी 

बड़े मगरुर लगते हो

तुम तो बड़े बेवफ़ा हो जी

जवानी चंद चिड़िया है

संभल तुम अब भी जाओ जी


 खुशबू शर्मा





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