वेलेंटाइन -रेनुका


   मेरे तो बहुत सारे वेलेंटाइन है 

   बचपन मे पापा बिल्कुल हीरो लगते 

   जो सब कुछ कर लेते थे 

   हम बच्चो के हर संकट को 

   जाने कैसे हर लेते थे 


  फिर भाई बड़ा हुआ 

  कुछ काम उधर 

  ट्रांसफर हुआ 

  तो सबसे प्यारा भाई हुआ 


 फिर एक नए शख्स की 

 बारी आई 

 जिस से जीवन में

 बहारे आयी


अब वेलेंटाइन 

बदल गया 

जीवन का सब कुछ 

वो हो गया 


कुछ समय बाद 

बच्चों की बारी आई 

जिन से आँगन में 

खुशियां है आयी 


हर संकट से 

मुझे बचाते

नई नई तकनीक 

सिखाते 

ये सब मेरे वेलेंटाइन

जिन से है सब खुशियां 

आयी 

जिन से है सब खुशियां 

आयी



    रेनुका सिंह 

    गाज़ियाबाद




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