अंकुर की सरस्वती वंदना

     


हे विद्यादायिनी ! हे हंसवाहिनी !
करो अपनी कृपा अपरम्पार।
हे ज्ञानदायिनी ! हे वीणावादिनी !
बुद्धि दे !, करो भवसागर से पार।।

हे कमलवसिनी !, हे ब्रह्मापुत्री !
तम हर, ज्योति भर दे।
हे वसुधा !, हे विद्यारूपा !
वीणा बजा, ज्ञान प्रबल कर दे।।

हे वाग्देवी !, हे शारदे !
हम सब है, तेरे साधक।
हे भारती !, हे भुवनेश्वरी !
दूर करो हमारे सब बाधक।।

हे कुमुदी !, हे चंद्रकाति !
हम बुध्दि ज्ञान तुझसे पाए।
हे जगती !, हे बुद्धिदात्री !
हमारा जीवन तुझमें रम जाए।।

हे सरस्वती !, हे वरदायिनी !,
तेरे हाथों में वीणा खूब बाजे।
हे श्वेतानन !, हे पद्यलोचना !
तेरी भक्ति से मेरा जीवन साजे।।

हे ब्रह्म जाया !, हे सुवासिनी !
कर में तेरे ग्रंथ विराजत।
हे विद्या देवी !, हे ज्ञान रूपी !
ज्ञान दे करो हमारी हिफाजत।।




शिव वंदना

जय हो देवों के देव,
प्रणाम तुम्हे है महादेव।
हाथ में डमरू, कंठ भुजंगा,
प्रणाम तुम्हे शिव पार्वती संगा।।

बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हें है महादेव ।।

हे कैलासी , हे सन्यासी,
शिव को सबसे प्यारी काशी।
हे नीलकंठ !, हे महादेव !
रक्षा करो मेरी देवाधिदेव।।

शिव का अर्थ है मंगलकारी,
शिव पूजन है सब दुखहारी।।
हे जटाधारी ! शिव, दुष्टों का
ना देर करो , संहार करो ,
प्रसन्न होकर मम भक्ति से 
मेरा जल्दी उद्धार करो।।

बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हें है महादेव ।।

नंदी, भृंगी , टुंडी, श्रृंगी, संग, 
नन्दिकेश्वर,भूतनाथ शिवगण।
भांग, धतूरा , पंचामृत संग,
शिव को पूजे सब भक्तगण।।

बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हे है महादेव ।।

सोमनाथ संग बारह धाम,
शिव पूजन से बनते काम।
आओ भक्तों करें प्रणाम,
शिव भक्ति से बनेंगे काम।।

बोलो जय जय देवाधिदेव।
प्रणाम तुम्हे है महादेव ।।

हे भोले नाथ !, हे शिव शंकर !,
शक्ति संग कहलाते अर्धनारीश्वर!
हे अमृतेश्वर !, हे महाकालेश्वर,
दुःख हरो हमारी सब परमेश्वर।।

बोलो जय जय देवाधिदेव ,
प्रणाम तुम्हे है महादेव ।।

अंकुर सिंह
हरदासीपुर, चंदवक 
जौनपुर, उ. प्र. -222129.
मोबाइल - 8367782654.
व्हाट्सअप - 8792257267.


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