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रघु ट्रैफिक पुलिस में हवलदार के पद पर कार्यरत है ।उसकी एक प्यारी बच्ची भी है इसका नाम मोहिनी है ।जो अंग्रेजी स्कूल में पढ़ती है। ट्राफिक में ड्यूटी लगने पर उसे चार-पांच सौ रुपए की इनकम ऊपर से होती रहती है।। और उसके घर परिवार इस कारण अच्छी तरह से चल रहा था, इसी के चलते उसकी ड्यूटी एक दिन व्यस्ततम चौराहे पर लगी और उसने एक ट्रक को प्रतिबंधित रोड पर ₹1000 लेकर जाने दिया ।क्योंकि वह ट्रक किसी को कुचलकर आया था।। और भागना चाह रहा था ।जिसको रघु ने वहां से भागने में उसकी मदद की ,ड्यूटी से घर पहुंचने पर पत्नी ने कहा अभी घर पर मोहिनी नहीं आई रोज तो आ जाती थी ।पता करो जरा ,रघु स्कूल गया, वहां पता किया।।व हां पता चला ,कि स्कूल से मोहिनी समय पर निकल गई थी। इसी दौरान रास्ते पर उसने भीड़ देखी। भीड़ में रघु ने देखा की उसकी बेटी मोहिनी का किसीवाहन से एक्सीडेंट हो गया ।।और ट्रक ड्राइवर ट्रक लेकर भाग गया। यह सुनकर रघु घबरा गया, और बेहोश हो गया ।लोगों ने उसके सर पर पानी डाला पूछा क्या हो गया ,रघु नेकहा यह मेरी बेटी हैऔर जोर जोर से चिल्लाकर
कहने लगा।।मैं जिम्मेदार हूं इसके लिए।मैं जिम्मेदार हूं इसके लिए।
वृंदावन राय सरल सागर एमपी
25/3/22
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