पत्रिका की संस्‍थापिका को दी गई श्रद्धांजलि , लिए गये 17 फैसले।


साहित्‍य सरोज पत्रिका हित में हुए 17 फैसले, गोपालराम गहमरी साहित्‍यकार सम्‍मेलन का बदल नाम।आयोजित होगें विभिन्‍न कार्यक्रम। पत्रिका बनायेगी अपना वृतचित्र, कलाकारों का होगा चयन।

02 अप्रैल रविवार को गहमर के गोपाल राम गहमरी सेवा संस्थान में साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह की पांचवी पुण्य तिथि पर गोपाल राम गहमरी सेवा संस्थान के अध्यक्ष मृतुंजय सिंह की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि दी गई। श्रद्धांजलि सभा के बाद संस्‍थान के अध्‍यक्ष मृतुंजय सिंह की अध्‍यक्षता में पत्रिका के उत्‍थान एवं आगामी योजनाओं के संचालन पर विचार करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें पत्रिका के प्रकाशक अखंड प्रताप सिंह, लीगल एडवाइजर अशोक सिंह, मीडिया प्रभारी उपेन्द्र सिंह, धर्मक्षेत्र पत्रिका की प्रकाशक श्रीमती पूजा सिंह, कार्यालय प्रवंधक प्रशांत सिंह, गहमर वेलफेयर सोसाइटी के उपाध्यक्ष बाल्मिक सिंह, सदस्य लक्ष्मीकांत उपाध्याय मौजूद रहे।
बैठक में वर्ष 2021-22 के कार्य का विवरण प्रस्तुत किया गया एवं साहित्य सरोज पत्रिका के पदाधिकारीयों में बदलाव, गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन में बदलाव, पत्रिका के प्रारूप में बदलाव, के साथ-साथ पत्रिका एवं उसके द्वारा संचालित आयोजनों के हित में सर्वसम्मति से निम्नलिखित निर्णय लिये गये
(01) कोरोना काल से बंद पड़ा पत्रिका के प्रिंट अंक का प्रकाशन दुबारा 2 माह के अंदर शुरू किया जायेगा। पत्रिका के वर्ष 2022-23 में अपने 500 पाठक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया जिसमें दो साल की सदस्यता शुल्क 501 रूपया एवं आजीवन 2501 रूपया तय किया गया। पहले बने 10 आजीवन पाठक सदस्य को पुरस्कार एवं 20 आजीवन पाठक सदस्य बनाने वाले को दो साल की सदस्यता मुफ्त देने का फैसला किया गया।
(02) पत्रिका ने यह निर्णय किया है कि प्रिंट पत्रिका में वही कहानी, कविता, आलेख प्रकाशित होगें जो साहित्य सरोज के बेवसाइट पर प्रकाशित होने के बाद पाठकों द्वारा अधिक पंसद किये जायेगें। पत्रिका में हिंदू अथवा मूर्ति पूजन, सनातन धर्म की सम्यता उसके त्यौहारों पर प्रहार करते हुए लेख/कविता/कहानी प्रकाशित नहीं किये जायेगें। प्रत्येक रचनाकार /लेखक को पत्रिका निशुल्क भेजी जायेगी।लेकिन अन्य किसी प्रकार की प्रोत्साहन राशि नहीं दी जायेगी। पत्रिका मे प्रचार प्रसार में भी लेखको/रचनाकारों से सहयोग का निवेदन किया जायेगा।
(03) पत्रिका की प्रधान संपादिका श्रीमती कान्ति शुक्ला के द्वारा उप सहायक संपादिका के लिए रेखा दुबे विदिशा, संपादिका के लिए रेनुका सिंह गाजियाबाद, उप संपादिका पद हेतु डॉ प्रिया सूफी होशियारपुर, प्रसार प्रभारी के लिए राम भोल शर्मा हरदोई, कला संपादक के लिए प्रबुद्वो घोष पूना , रंगमंच प्रभारी विजय मिश्र दानिश, प्रधान कार्यालय सहायक रमेश यादव जमानियां एवं सास्‍कृतिक कार्यक्रम प्रभारी ज्‍योति किरण रतन के चयन को स्वीकृति दी गई। प्रत्येक विधान सभा स्तर पर प्रकाशक अखंड प्रताप सिंह के सहयोग से प्रभारी नियुक्त करने की जिम्‍मेदारी चयनित पदाधिकारीयों को दी गई।
(04) साहित्य सरोज पत्रिका के वेबसाइट पर तीस प्रकार के कैटेगरी को समाप्त कर उसे नये रूप में परिवर्तित करते हुए कालमों में व्यापक परिवर्तन करते हुए उसमें स्वःरोजगार, स्वास्थ, मनोरंजन, पाक कला, मुझे शिकायत है, मन की बात जैसे कालमों बढ़ाया गया। पत्रिका में जनहित को प्राथमिका दी जायेगी।
(05) साहित्य सरोज के प्रत्येक प्रकाशित अंक के 24 पेज किसी विशेष साहित्यकार / कलाकार के जीवन, उसके बारे में जनमानस की राय, उसके जीवन के अनझुए पहलू के लिए आरक्षित होगा। प्रकाशन के साथ साथ उसका साक्षात्कार भी पत्रिका के चैनल पर प्रकाशित होगा।
(06) साहित्य सरोज पत्रिका देश के प्रत्येक विधान सभा स्तर पर कार्य कर रही किसी साहित्यिक अथवा गैर साहित्यिक संस्था के साथ के अपने प्रतिनिधि के माध्यम से ”आप और हम“ योजना के तहत जुड़ेगी। उनके साथ मिल कर उस क्षेत्र में प्रतिभा विकास, नारी सुरक्षा, बाल कल्याण एवं नारी स्वालंबन पर कार्य करेगी। वर्ष में एक बार प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगी। संस्थाओं को संसाधन उपलब्ध करायेगी और अपने आयोजन में उन्हें प्रमुखता देगी।
(07) साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह की पुण्य तिथि 2 अप्रैल एक ऐसी तिथि है जो अकसर चैतीय नवरात्रि में पड़ जाती है, जिससे तय कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाते हैं। इस लिए यह तय किया कि 2 अप्रैल का कार्यक्रम गहमर से 51 किलोमीटर की परिधि के नारी शक्ति के प्रतिभा प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं कवयित्री सम्मेलन के लिए ही आयोजित होगा। साथ ही पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य कर रही देश भर की नारी शक्ति का चयन कर उन्हें आनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से सम्मानित कर सम्मान पत्र डाक से भेजेगी।
(08) सरोज सिंह महिला स्वालंबन योजना के तहत 15 महिलाओं का चयन शुरू किया जायेगा, जिसमें उन्हें गृह उद्योग के तहत होने वाले कार्यो, अभिनय, विज्ञापन इत्यादि सहित उनके पसंदीय क्षेत्र में प्रशिक्षण देकर उनके बनाये बस्तुओं/ उनके कार्यो को बाजार उपलब्ध कराया जायेगा। चयन प्रक्रिया एवं प्रशिक्षण प्रकिया संपादक मंडल के अधीन रहेगी। चयनित महिलाओं को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। इस योजना की प्रभारी के रूप में लखनऊ उत्तर प्रदेश की ”प्रख्यात कलाकार श्रीमती ज्योति किरण रतन को“ नियुक्त किया गया।
(09) गोपाल राम गहमरी साहित्यकार सम्मेलन एंव सम्मान समारोह का नाम पविर्तन कर के अब ”गोपाल राम गहमरी साहित्य एवं कला महोत्सव“ करते हुए तिथि प्रत्येक सितम्बर माह के ”पहले शुक्रवार की शाम से रविवार की रात्रि“ तक निश्चित कर दिया गया। पहले की भॉंति ही कार्यक्रम पूर्ण रूप से सनातन धर्म पद्वति के अनुसार होगा, माथे पर तिलक, चुनरी, मां की तस्वीर, दर्शन पूजन को स्वीकार न करने वालों के लिए यह कार्यक्रम नहीं होगा।
(10) सम्मान समारोह के लिए आयोजन प्रमुख कान्ति शुक्ला के नेतृत्व में व्यंग्य श्री सुभाष चंदर की अध्यक्षता में 7 सदस्यों वाली चयन समिति का गठन किया गया जिसमें अजमेर से डा0 संदीप अवस्थी, भोपाल से अरूण अर्णव खरे, छतिसगढ़ से डॉ ज्योति मिश्रा, दिल्ली से ओमप्रकाश शुक्ल इत्यादि होगें।
(11) इस महोत्सव में कार्यक्रमों में भी व्यापक परिवर्तन किया गया है। (विस्तृत रूपरेखा वेबसाइट पर) कार्यक्रम में साहित्यकार व कलाकार अपने प्रदर्शन के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभाओं के साथ कुछ समय बिता सकें उनके प्रदर्शन को देख सके साथ ही वह ग्रामीण परिवेश के जीवन को पूर्ण रूप से महसूस कर सकें।खान पान को भी स्थानीय परम्पराओं के साथ रखा गया है। साहित्यकार व कलाकार केवल सम्मेलन न समझे वह अपना एक उत्सव समझे, मंच पर अपने कल की प्रतिभा को पुनः तरो-ताजा करें।जो उन्हें नये ऊर्जा संचार के अवसर प्रदान करेगा।
(12) ऐसे साहित्यकार/कलाकार जो अपनी पुस्तक तो प्रकाशित किसी तरह करा लेते हैं लेकिन किसी कारण से उसका लोकापर्ण अपने सपनों के तरह नहीं करा पाते। ऐसे साहित्यकारों को गोपाल राम गहमरी महोत्सव में डी0पी0 चतुर्वेदी महाविद्यालय सिवनी मध्य प्रदेश के सौजन्य से ”गोपाल राम गहमर पुस्तक लोकापर्ण मंच“ प्रदान करता है। जहॉं वह मुख्य अतिथियों के द्वारा न सिर्फ अपनी पुस्तक का लोकापर्ण करायेगें, बल्कि उनको अपने पुस्तक के बारे में बताने के लिए उनको और उनकी पुस्तक पर समीक्षा कहने के लिए उनके द्वारा नामित व्यक्ति को समय दिया जायेगा। लेखक/रचनाकार को सम्मानित किया जायेगा। उसका लाइव प्रसारण होगा। यह कार्यक्रम गोपाल राम गहमरी सेवा संस्थान के प्रागंण में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम के प्रभारी होगें डॉ राम कुमार चतुर्वेदी। साहित्यकारों/कलाकारों को उनके नाम से अपनी पुस्तक लोकापर्ण की स्वीकृति का पत्र भेजना होगा।
(13) पत्रिका अपने यूटियूब चैनल पर नियमित आनलाइन आफलाइन फैशन शो, पाक कला, साक्षात्कार, होनी अनहोनी, सरकारी योजनाओं की जानकारी, स्व रोजगार के कार्यक्रम व जानकारी, शिक्षा, स्वास्थ जैसे कार्यक्रम प्रस्तुत करेगी। पत्रिका अपने चैनल पर वृतचित्रों बनाकर प्रसारित करेगी जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रो के कलाकारों को प्रमुखता दी जायेगी और उनका चयन किया जायेगा। यूटियूब के लिए दिल्ली से किशोर श्रीवास्तव, भोपाल से डा0 प्रभात पाण्डेय एवं अजमेर के डा संदीप अवस्थी सरंक्षक नियुक्त करते हुए उन्हें प्रशारित होने वाले कार्यक्रमों की कार्ययोजना बनाने, संवाददाताओं के चयन एवं फैशन शों के आयोजन की जिम्मेदारी दी गई है।
(14) हर साहित्यकार व कलाकार जो अपना वेबसाइट नहीं बनावा सकते या उसे संचालित नहीं कर सकते और यदि चाहे भी तो एक तो उन्हें मोटी रकम देनी होती है दूसरे तरफ वह कुकरमुत्तों की तरह उगे साइबर ठगों द्वारा ठगी के शिकार हो जाते हैं। ऐसे साहित्यकारों एवं कलाकारों के लिए साहित्य सरोज ने अपने वेबसाइट पर आप का पन्ना नामक कालम शुरू किया है, जिस पर हर साहित्यकार अपनी विस्तृत जानकारी, पता, अपनी रचनाएं, अपनी कला, फोटो, वीडियो प्रकाशित करा सकता है इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। साथ ही वह वेबसाइट द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम एक दिन आपका में भी भाग लेकर अपनी कला से परिचित करा सकता है।
(15) साहित्य सरोज पत्रिका 65 वर्ष से अधिक के गुमनाम लेखको/रचनाकारों/कलाकारों/पर्यटन या धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों इत्यादि के विषय में विस्तृत जानकारी देने वाले, उनके बारे में लिखने एवं उनके ऊपर वृतचित्र बनवाने वाले को सम्मानित करेगी और वीडियो फिल्मांकन में होने वाले खर्च को भी वहन करेगी।
(16) पत्रिका आगामी तीन साल में डूबती हुई कठपुतली कला, नुक्कड़ नाटक कला को पुनःजीवित करने हेतु प्रशिक्षणों एवं जनसभाओं/प्रकाशन के माध्यम से प्रयास करेगी।
(17) इसके साथ ही पत्रिका आपदा प्रवंन्धन, नारी शक्ति स्वालंबन, बाल बिकास , गोपाल राम गहमरी , स्वरोजगार, गंगा स्वच्छता, डूबती सम्यता-संस्कृतियों एवं अभिनय व माडलिंग पर विशेष कार्यशाला विभिन्न शहरो में आयोजित करेगी।
इसके पहले श्रद्धांजलि सभा को सबोधित करते हुए गोपाल राम गहमरी संस्था के अध्यक्ष मृतुजंय सिंह ने सबसे पहले ए0एम0आई संस्था के प्रवंन्धक प्रबुद्वो घोष का आभार प्रकट दिया जिनके प्रयास से साहित्य सरोज पत्रिका की संस्थापिका श्रीमती सरोज सिंह के नाम से अन्तराष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्वस में सम्मान प्रारंम्भ कराया गया यह इस पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने देश के साहित्यकारों एवं कलकारों को गोपालराम गहमरी साहित्यकार महोत्सव एवं साहित्य सरोज पत्रिका को अपना स्नेह देने के लिए भी आभार प्रकट किया। साथ ही आग्रह किया कि वह पत्रिका के अधिक से अधिक पाठक सदस्य बना कर हमारे कार्यो को सुचार रूप से संचालित करने में मदद करें।
इस अवसर पर साहित्य सरोज के प्रकाशक एवं श्रीमती सरोज सिंह के पुत्र अखंड गहमरी ने कहा कि हम श्रीमती सरोज सिंह की जन्मभूमि बिहार प्रांत के मुॅंगेर जिले में स्थित धरहरा गांव से बहुत एक विशेष लाभकारी योजना की शुरूआत करने जा रहे हैं। साहित्य सरोज पत्रिका सबके साथ मिल कर समाज के उत्थान के लिए बचनवद्व है।उन्होनें बताया कि आज की सभा में लिये सभी निर्णय आगामी 5वर्षो के लिए है।समय समय पर उसमें परिवर्तन संभव है। सभा का संचालन प्रसिद्व हास्य कवि फजीहत गहमरी ने किया। 



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