जीवन में कुछ करना है तो, आलस को तजना होगा। बगैर रुके और बिना थके,नित्य तुम्हें चलना होगा।। सपने बड़े सजाए हो तो,शोलों पर…
समधी जी ! बारात सम्मेलन में तो नहीं आएगी । राजेश आखिर हमारा इकलौता बेटा है । अगर आपको यह रिश्ता रखना है तो , शादी आपको…
मायके ज़रुर जाना बरसो की थकान उतारने ज़िम्मेदारियों का बोझ उतारने कुछ लम्हे सुकून से गुज़ारने माँ के आँचल तले कुछ दिन गुज़ा…
जय माँ सरस्वती जय -जय-जय माँ सरस्वती हे सकल विश्व भव तारिणी तेरे शरण मैं आई माता जय माँ कष्ट निवारिणी। शुभ्रवस्त्रा धा…
ग़ज़ल* ( 221 1222 221 1222 ) फितरत ही हमारी है , अपनों से दगा करना। है खूब हुनर हममें , हर वक़्त खता करना।। इक उम्र गवा…
आया होली का त्योहार, छाया सबपे खुमार। लेकर रंग गुलाल, देखो आए नंदलाल।। संग लेकर ग्वाल-बाल, पहुंचे…
होली प्रियतम से दूर लिफाफे में खत नहीं रक्खा ख्याल भेज रहे हैं समेटकर पन्ने में तुम्हें गुलाल भेज रहे हैं कुछ रंग तुम्…
गणतंत्र दिवस है प्रतीक स्वाभिमान का सद्भाव का, सद्बुद्धि का, उस संविधान का जिसने सभी धर्मो का नित सम्मान किया है ज…
बसंत ऋतु फिर से आया माघ महीना, फिर आया ऋतुराज बसंत। गंध बिखेरें उपवन उपवन, रंग बिरंगे पुष्प अनंत। फूल रही है पीली सरस…
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