जय माँ सरस्वती
जय -जय-जय माँ सरस्वती
हे सकल विश्व भव तारिणी
तेरे शरण मैं आई माता
जय माँ कष्ट निवारिणी।
शुभ्रवस्त्रा धारिणी माता
जय माँ हंस सवारिनी
जय-जय-जय पद्मासना देवी
हे माँ ज्ञान प्रकाशिनि।
विद्या-बुद्धि दायिनी माता
जय माँ जग उध्दारिणी
ज्ञान का दीप जला दो माता
जय माँ वीणा वादिनी।
कमल आसन शोभित माता
वीणा-पुस्तक धारिणी
भक्तों का दुःख हरती माता
जय -जय-जय जगतारिणी।
तीनों लोक में पूजित माता
भव-बंधन भय हारिणी
काव्याकृति करे आरती
जय-जय माँ विश्वधारिणी।
कुमकुम कुमारी 'काव्याकृति'
योगनगरी मुंगेर, बिहार
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