गणतंत्र दिवस है प्रतीक स्वाभिमान का
सद्भाव का, सद्बुद्धि का, उस संविधान काजिसने सभी धर्मो का नित सम्मान किया है
जो रखता पूरा ध्यान है सबके उत्थान का
जो दिखाता है पथ हमें बढने का साथ साथ
जिसकी कि भावना ने मजबूत किये हैं हाथ
निस्वार्थ प्रगति का दिया जिसने जो मंत्र है
उसके बल पे झेल सका देश कई आघात
स्वातंत्र्य और गणतंत्र दिवस दिन वे निराले
स्वर्णाक्षरो में है जिन्हें इतिहास संभाले
इनके लिये हर भारतीय के मन में है सम्मान
इनने ही दिये हमको अंधेरो में उजाले
फूले फले समृद्ध हो गणतंत्र हमारा
जिसने कि विश्व मंच पर हमको है निखारा
रहे राजनीति संयमित सद्भाव में पगी
देती रहे हर व्यक्ति को मजबूत सहारा
कोई न फंसे भंवर में पा सके किनारा
फूले फले समृद्ध हो गणतंत्र हमारा
प्रो. चित्र भूषण श्रीवास्तव "विदग्ध"
ए २३३,ओल्ड मिनाल रेजीडेंसी भोपाल
४६२०२३ मो.9425484452
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