होली


आया होली का त्योहार,
छाया    सबपे    खुमार।
लेकर     रंग      गुलाल,
देखो   आए    नंदलाल।।

संग  लेकर  ग्वाल-बाल,
पहुंचे   राधा   के    द्वार।
करने     मस्ती    अपार,
सुंदर   है    यह  त्योहार।।

लेकर  हरी  गुलाबी   रंग,
राधा आई  गोपियों संग।
करने  रंगों  की   बौछार,
आज कान्हा आए द्वार।।

बजने  लगे  ढोल-मंजार,
उसपे  थिरके   नर-नार।
भाईचारे   का   मिसाल,
बना होली का त्योहार।।

उड़े   रंगों   की   फुहार,
चले    वसंती    बयार।
मिटा के समस्त विकार,
करें  प्रेम  का  व्यापार।।

         कुमकुम कुमारी "काव्याकृति"
                      मुंगेर, बिहार


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