नारी नर को सदैव ही संबल देती रहती है।
तन मन से नर पर विश्वास करती रहती है।।
नारी होती सृष्टि का आधार,
सृजन करती वह घर संसार।
माँ बेटी बहन पत्नी किरदार,
नारी करे हर रूप में प्यार।।
अपने आँचल से वो, खुशी बाँटती रहती है।
अपना जीवन, पूर्ण समर्पण करती रहती है।।
प्रकृति की वरदान है नारी,
हमको देती खुशियाँ सारी।
नारी होती पुरूषों का बल,
नारी जीवन सच में निर्मल।।
कितने दुःख सहकर, हमको शीतल करती है।
सब के तम को स्व प्रकाश से, रोशन करती है।।
नारी हम सब की जीवन दाता,
वो होती सबकी भाग्यविधाता।
नारी की अब हर जगह उड़ान,
हर क्षेत्र में नारी की पहचान।।
पहले थी न चाह, अब नई राह बनाती रहती है।।
नारी को मिले जिस घर में मान,
उस घर की सदैव बढ़े ही शान।
नारी गढ़ रही निज नए प्रतिमान,
हमें करना चाहिए नारी सम्मान।।
नारी पर करें विश्वास, सबमें आस जगाती रहती है।
आँखों में आँसू भरकर भी, वो हमें हँसाती रहती है।।
लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव
मोहल्ला- बरगदवा (नई बस्ती), निकट- गीता पब्लिक स्कूल
पोस्ट- मड़वा नगर (पुरानी बस्ती)
जिला- बस्ती 272002 (उ. प्र.)
मो. 7355309428
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