विधा -गीत
जी चाहता है खेलूं होली श्याम तेरे संग
खेलूं श्याम तेरे संग ।
कोरी रहे न चूनरी चढ़ जाये तेरा रंग
खेलूं श्याम तेरे संग ।
आंगन में चारो ओर उड़ता दिखता जब भी गुलाल
चाहूं की मल दूं गाल पर तेरे भी मै नंदलाल
ढंग मेरा देखकर ये जग हो जाये दंग
खेलूं श्याम तेरे संग ।
तुमसा पिया मुझको मिले मन की ये मेरे आस
चाहे हँसी उड़ जाये मेरी चाहे हो उपहास
लोकलज्जा से पिया मै आ गई हूँ तंग ।
खेलूं श्याम तेरे संग ।
जांनू की सारा जग तुम्हारा तुम सभी के हो
मूर्ख मन यह चाहता है सिर्फ मेरे हो
जानकर भी मानता न पी हो मानो भंग
खेलूं श्याम तेरे संग ।
जी चाहता ये खेलूं होली श्याम तेरे संग
खेलूं श्याम तेरे संग ।
आशा झा
दुर्ग छत्तीसगढ़491001
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