चित्र पर कविता में नमिता राकेश की रचना

 गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह
30 मई से 05 जून 2024 तक
आनलाइन कार्यक्रम का दूसरा दिन
दिनांक 31/05/2024
चित्र लेखन


देखो भाई !
पेड़ मत काटो
काटना है
तो
उन दरिंदों के सर काटो
जो रात दिन
 मासूम लोगों का
 खून बहाते हैं
 पेड़ काटने से
तुम्हें क्या मिलेगा
किसका भला होगा
 पेड़ काटने से
पेड़ों को भी
दुख मिलता है
 लहू रिसता है
पर
 उनका बहता लहू
तुम्हें क्यों दिखाई देगा
तुम्हारी आंखों पर तो
 पट्टियां बंधी हैं
 स्वार्थ की
अब भी संभल जाओ
 पेड़ लगा कर देखो
लाखों लोगों का
जीवन बचाओगे
कुछ तो पुण्य कमाओगे
---- नमिता राकेश
(फरीदाबाद)



 

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