चित्र पर कविता में विजयशंकर मिश्र की कविता

 गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह
30 मई से 05 जून 2024 तक
आनलाइन कार्यक्रम का दूसरा दिन
दिनांक 31/05/2024
चित्र लेखन

 

 रोपण   करो  सदा  तरु फूलें!

रुकिए  निंद्य   कर्म  मत  करिए।
हरगिज यह विकर्म मत करिए।।
तरुवर     प्राणवायु     देते    हैं।
दूषित     घ्राणवायु    लेते    हैं।।

उससे    ये    हैं   मण्ड   बनाते।
जड़   से   पत्तों  तक  पहुँचाते।।
साथ  साथ ऑक्सीजन बनती।
हर  सजीव  प्राणी  को बँटती।।

ये    विषपायी   शिवशंकर   हैं।
जगन्नियन्ता   श्री   हरिहर   हैं।।
कहती  तरु  से  लिपटी  है  जो।
परम   प्रवीणा  विदुषी  है  वो।।

संग    संग    दो   दो   बालाएँ।
कहतीं;  नहीं  कुठार   चलाएँ।।
धन्य   धन्य   भारत  की  नारी।
भास्कर   जाता  है  बलिहारी।।

वृक्ष   बचाओ   देश   बचाओ।
जगह  जगह पर पेड़ लगाओ।।
वृक्षों   का   संदेश   न   भूलें।
रोपण   करो  सदा  तरु फूलें।।

विजयशंकर मिश्र 'भास्कर'
लखनऊ



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1 टिप्पणियाँ

विजयशंकर मिश्र 'भास्कर' ने कहा…
पर्यावरण जागरूकता का यह सुंदर आयोजन है।वृक्ष सदाशिव हैं।इनका रोपण, रक्षण और विकास वर्तमान की अनिवार्य आवश्यकता है।भूरिशः बधाइयाँ।