मन्‍जु की कविता श्रद्धा सुमन

 *पिताजी के लिए **

पूज्य पापा!आज पितृ दिवस पर, मुझे आपकी बहुत याद आ रही है।
 आपके लिए श्रद्धा सुमन अर्पित, करने को मेरे पास शब्द नहीं हैं।
आपकी महिमा का बखान करना,     नहीं है सरल काम।
आपकी  शिक्षाओं को भुला दें जीवन में नहीं है यह आयाम  ,         
आपने हम सब भाई-बहनों में सकारात्मकता के भाव भरे,
जीवन की हर चुनौती से लोहा लेने के   उद्गार भरे।
आपका शांत व सरल स्वभाव हम कभी नहीं भूल पाएंगे,
आपके संग बिताए हर पल, हमें अतीत की याद दिलायेगें।
प्रेम से निर्देश देकर  हमें सीखने का मार्ग दिखाया,
हमें जीवन की राहों पर निर्विघ्न चलना सिखाया।
 अध्ययन के समय  प्रोत्साहन व दिशा निर्देश दिए,
हर कदम , हर मोड़ पर,  सही मार्ग पर चलने के सूत्र दिए।
आपकी दी हुई शिक्षाएं, हमारे जीवन की सबसे बड़ी धरोहर हैं,
आपके बिना ये जीवन अधूरा जैसे बिन खुशबू के फूल हैं।
 आपका स्नेह, आपके शब्द, और आपका मार्गदर्शन,
आज भी हमारे जीवन के लिए है   एक अनमोल रत्न।
आपके दिए आदर्श, हमारे लिए सदैव अनुकरणीय ,
आपकी सिद्धांत ही जीवन जीने के लिए विचारणीय।
हमें बहुत दुख है कि आप हमें बहुत जल्दी छोड़ कर चले गए,
पर अपने सपनों को साकार करने की राह हमें दे गए।
पूज्य पापा, आप हमारे दिलों में सदा ही जीवित रहोगे,
हम आपके आदर्शों का अनुसरण कर जीवन में आगे बढ़ेंगे।
आपकी यादों के सहारे, हम हर कठिनाई का सामना करेंगे,
आपकी दी हुई शिक्षाओं से  सुखी जीवन यापन करेंगे।।

मन्जु माथुर।               
अजमेर राजस्थान


 

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