प्रतिभा की लघुकथा रचना

शहर के प्रतिष्ठित विख्यात लेखक ने रचना के लेखन की भर भर प्रशंसा कर दी। अब इस नव रचनाकारा के पैर तो जमीं पर टिक ही नहीं रहे थे। घर गली जो अब तक उसकी ख़ामोशी से ख़फ़ा थी अब उसके शोर से परेशान हो गई।
अब तो रोज रचना अपनी नवरचना लिए लेखक के घर तारीफों की चाह लिए खड़ी हो जाती। कुछ दिन में ही उसके लेखन से प्रभावित लेखक के तारीफों के फूलों से सुंदर गुलदस्ता बन गया।
अब समय की चाल से गुलदस्ते में फूल कम समाने लगे। आज भी थोड़ी कम मुस्कान भरा चेहरा लिए रचना लेखक के घर आई।
हमेशा खुले रहने वाले दरवाजे के हैंडल पर “डोंट डिस्टर्ब मी” का लेबल टँगा देख रचना ठिठक गई। 

“अब रचना के लिए यहाँ कोई जगह नहीं है।”, सोचते हुए रचना मुड़ गई और गुलदस्ते में रखे सारे मुरझाये फूल अब सूख जमीन पर गिर गए।

प्रतिभा जोशी
बालूपुरा रोड़,
अजमेर-305002
मोबाइल नंबर-9460241859

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