मंजू आज तू मेरे बालों में हेयर कलर लगा कर जाना ,मुझे मुंबई जाना है ना शादी में, सुनीता जी ने आईने में स्वयं को निहारते हुए मंजू को आदेश दिया। "आंटी आपके बाल बहुत हल्के होने लगे हैं। डाई से बालों को नुकसान पहुंचता है। मेरी मानो तो मेहंदी लगा लिया करो। "मंजू ने अपना ज्ञान बघारा । "नहीं रे सफेद बालों में मेरी उम्र बहुत ज्यादा दिखने लगती है मुझे बूढ़ा कहलाना पसंद नहीं । "
सुनीता जी मुंबई बेटे के घर जब पहुंची तो बहू प्रीति ऑफिस गई हुई थी। परिवार में शादी थी। शाम को सभी को शादी में जाना था। दो घंटे की बढ़िया नींद लेने के बाद सुनीता जी काफी फ्रेश फील कर रही थी, उनकी नींद दरवाजे की घंटी से ही खुली थी। शायद प्रीति आई होगी। जरूर ऑफिस से पार्लर चली गई होगी वहीं से मेकअप वेकअप करवा कर आई होगी, वैसे भी अभी है भी तो काफी यंग ।
हुंह ,उम्र से क्या होता है, मैं भी तो अभी कितनी यंग दिखती हूं। " अरे तुम तो कहीं से भी सास नहीं लगती", सहेलियों की की हुई टिप्पणी याद कर उनके चेहरे की चमक बढ़ गई।। दरवाजा खोलते ही "अरे मम्मी जी मुझे ऑफिस में थोड़ी देर हो गई आपको कोई परेशानी तो नहीं हुई ना?".... कहते हुए प्रीति उनके चरण स्पर्श कर उठी तो उसे देखकर सुनीता जी अक़बका उठी, यह क्या उसके सारे बाल काले -सफेद रंग की अजीबोगरीब छटा बिखेर रहे थे। सामने माथे की एक लट तो पूरी सफेद लटक रही थी।
"अरे तुमने बालों को कलर नहीं किया, क्या अभी से बूढा बनने का शौक चर्राया है? क्या कहेंगे लोग, आज शादी मे भी जाना है।" सुनीता जी की चिड़चिड़ी आवाज मे थोड़ी तलखी उतर आई थी।
प्रीति जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.। ” यह सौल्ट एंड पेप्पर लुक है मम्मी जी. नमक और कालीमिर्च का संगम.. आजकल का लेटेस्ट ट्रेंड. बस हम जैसे हैं वैसे ही बने रहे, उम्र के हर बदलाव को पूरी गरिमा के साथ स्वीकार करें. उम्र तो वैसे भी मन की सोच मात्र है। मै चालीस की होने आयी अब बाल काले करके भी बीसकी तो लगने से रही.. प्रीति ने बड़ी सहजता से कहा।
सुनीताजी अवाक् खड़ी थी. सामने लगे बड़े से आइने में उनके काले चमकते बाल और बहू के काले बालों के बीच झलकती सफेदी –दो बिलकुल विरोधाभासी छवियाँ. वे तय नही कर पा रही थी कि कौन सही है -उनकी अपनी उम्र को झुठलाने का असफल प्रयास करती काली चमकती केश सज्जा या बहू की साल्ट एंड पेप्पर वाली समय के बदलाव को सहज स्वीकारती प्राकर्तिककेश सज्जा.!!
डॉ नीरू खींचा
ए- 113 इन्दिरा नग
झुंझुनू राजस्थान
9414347050
सुनीता जी मुंबई बेटे के घर जब पहुंची तो बहू प्रीति ऑफिस गई हुई थी। परिवार में शादी थी। शाम को सभी को शादी में जाना था। दो घंटे की बढ़िया नींद लेने के बाद सुनीता जी काफी फ्रेश फील कर रही थी, उनकी नींद दरवाजे की घंटी से ही खुली थी। शायद प्रीति आई होगी। जरूर ऑफिस से पार्लर चली गई होगी वहीं से मेकअप वेकअप करवा कर आई होगी, वैसे भी अभी है भी तो काफी यंग ।
हुंह ,उम्र से क्या होता है, मैं भी तो अभी कितनी यंग दिखती हूं। " अरे तुम तो कहीं से भी सास नहीं लगती", सहेलियों की की हुई टिप्पणी याद कर उनके चेहरे की चमक बढ़ गई।। दरवाजा खोलते ही "अरे मम्मी जी मुझे ऑफिस में थोड़ी देर हो गई आपको कोई परेशानी तो नहीं हुई ना?".... कहते हुए प्रीति उनके चरण स्पर्श कर उठी तो उसे देखकर सुनीता जी अक़बका उठी, यह क्या उसके सारे बाल काले -सफेद रंग की अजीबोगरीब छटा बिखेर रहे थे। सामने माथे की एक लट तो पूरी सफेद लटक रही थी।
"अरे तुमने बालों को कलर नहीं किया, क्या अभी से बूढा बनने का शौक चर्राया है? क्या कहेंगे लोग, आज शादी मे भी जाना है।" सुनीता जी की चिड़चिड़ी आवाज मे थोड़ी तलखी उतर आई थी।
प्रीति जोर से खिलखिला कर हंस पड़ी.। ” यह सौल्ट एंड पेप्पर लुक है मम्मी जी. नमक और कालीमिर्च का संगम.. आजकल का लेटेस्ट ट्रेंड. बस हम जैसे हैं वैसे ही बने रहे, उम्र के हर बदलाव को पूरी गरिमा के साथ स्वीकार करें. उम्र तो वैसे भी मन की सोच मात्र है। मै चालीस की होने आयी अब बाल काले करके भी बीसकी तो लगने से रही.. प्रीति ने बड़ी सहजता से कहा।
सुनीताजी अवाक् खड़ी थी. सामने लगे बड़े से आइने में उनके काले चमकते बाल और बहू के काले बालों के बीच झलकती सफेदी –दो बिलकुल विरोधाभासी छवियाँ. वे तय नही कर पा रही थी कि कौन सही है -उनकी अपनी उम्र को झुठलाने का असफल प्रयास करती काली चमकती केश सज्जा या बहू की साल्ट एंड पेप्पर वाली समय के बदलाव को सहज स्वीकारती प्राकर्तिककेश सज्जा.!!
डॉ नीरू खींचा
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