गोपालराम गहमरी पर्यावरण सप्ताह
30 मई से 05 जून 2024 तक
आनलाइन कार्यक्रम का दूसरा दिन
दिनांक 31/05/2024
चित्र लेखन
माँ ओ माँ
जल्दी आओ ।
लिये कुल्हाडी हाथ
आया है कोई जांबाज।
मुंह पर गुस्सा आँखे लाल,
बेजुबां वृक्ष को
करने निढा़ल।
दौडी -दौडी़ आई माँ,
बांहो मे भर लिया वृक्ष को।
हाथ ना लगाना ,
मेरे लाल को।
गुर्राई चिल्लाई
बन जंगल की
रक्षक वो अमृता माई,
कुल्हाडी रह गई तनी,
काट न पाया वो एक टहनी।
पेडो़ की रक्षा में
ऐसे जुट जायें।
जैसे दे गई कुरबानी,
अमृता माई अमृता माई।।
जयहिन्द
हेमलता दाधीच
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